
तरयासुजान, कुशीनगर : सेवरही विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय हफुआ चतुर्भुज में सोमवार को अपराह्न 2 बजे शिक्षकों ने क्लास रूम में एक बच्चे को सोता छोड़ ताला लगा दिया और घर चले गए। बच्चा करीब 18 घंटे तक कमरे में बंद रहा।
सुबह बगल के मंदिर में पूजा करने गए लोगों ने कमरे से उठते हुए बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो मामला उजागर हुआ। लोगों ने खिड़की से बच्चे को देखा और उसे रेस्क्यू किया।
जानकारी के अनुसार, इसी गांव का आठ वर्षीय आयूष ठाकुर, पुत्र नन्दलाल ठाकुर, मां के कहने पर पढ़ाई करने आया था। पढ़ाने के क्रम में वह अपने क्लास में सो गया। स्कूली शिक्षकों की लापरवाही का आलम यह रहा कि घर जाने के जल्दी-जल्दी में उन्होंने कक्ष का बिना निरीक्षण किए सभी कमरों में ताला लगा दिया।
इधर देर शाम तक बच्चे की मां सारदा देवी पूरे गांव में उसकी खोज करती रही, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चल सका। करीब 18 घंटे बंद कमरे में रहने के बाद अगली सुबह यानी मंगलवार को बगल स्थित मंदिर में पूजा करने गए लोगों ने आवाज सुनी। बच्चे की सिसकने की आवाज सुन सब्र का बांध टूट गया।
जब लोगों ने खिड़की से अंदर झांक कर देखा, तो वे हैरान रह गए। लोगों ने जल्दी से बिस्कुट, पानी और प्रसाद बच्चे को खिलाया। शिक्षकों को सूचना देने के बाद स्कूल का ताला खोला गया और ग्राम प्रधान चन्दन ठाकुर व ग्रामीणों की मौजूदगी में बच्चे को उसकी मां के हवाले किया गया।
स्कूल के प्रधानाचार्य नन्दजी यादव ने बताया कि यह सब ग्रामीणों की साजिश है और हम नियमित रूप से कक्ष का निरीक्षण कर ही ताला बंद करते हैं। इस संबंध में सीईओ सेवरही प्रभात राय ने बताया कि सुबह मामले का संज्ञान लिया गया है और जांच कर सभी दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बीएसए कुशीनगर डॉ. रामजियावन मौर्य ने कहा कि प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। यदि जांच में यह मामला सत्य पाया गया, तो सभी दोषी व्यक्तियों को निलंबित किया जाएगा।
ये भी पढ़े: सीतापुर : पत्नी के वियोग में कीटनाशक दवा पीने से युवक की मौत
प्रतापगढ़ : पुलिस मुठभेड़ के दौरान पचास हजार का ईनामी गिरफ्तार