
कोरोना वायरस के चपेट में देश के हर एक वर्ग का नागरिक आ चुका है। चाहे वो अमीर हो, गरीब हो या फिर पेशे से डॉक्टर ही क्यों न हो। सभी इस महामारी के चपेट में आ रहे हैं। भारत की बात करें तो अभी तक जब से लॉक डाउन पार्ट-2 स्टार्ट हुआ है तब से संक्रमण की संख्या में कमी आई है। ऐसा माना जा रहा है कि 3 मई के बाद कुछ शर्तों के साथ स्थिति समान्य हो जाएगी। लेकिन, आगे क्या होगा इसके लिए इंतजार करना होगा। फिलहाल की खबर ये है कि अब कोरोना वायरस का संक्रमण भारतीय नौसेना के बीच भी पहुंच चुका है। मुंबई स्थित नौसेना के आईएनएस आंग्रे में 21 कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय नौसेना में कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला मामला तब सामने आया था जब 5 अप्रैल को एक नौसैनिक का कोविड-19 टेस्ट किया गया था। 7 अप्रैल को आने वाली रिपोर्ट पॉज़िटिव आई थी और उस नौसैनिक का इलाज मुंबई के “आईएनएस अश्विनी” अस्पताल में जारी है। इसके बाद उसके संपर्क में आए हुए बाकी सैनिकों का भी टेस्ट किया गया। फिर जब सबका रिजल्ट पॉजिटिव पाया गया तो उन्हें “आईएनएस अश्विनी” अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया था।
बीबीसी की खबर के अनुसार, यह अस्पताल नौसेना की वेस्टर्न कमांड का सबसे बड़ा और मॉडर्न अस्पताल है। जहां नौसेना के सैनिकों को आइसोलेट किया गया है, वह इमारत मुंबई के फ़ोर्ट इलाक़े में बसे नेवल बेस डॉक्यार्ड के कैंपस में तट के निकट स्थित है जिसमें अविवाहित नौसैनिक ठहरते हैं। आईएनएस आंग्रे जिसमें उन्हें आइसोलेट किया गया है, 650 से लेकर 750 नौसैनिकों के ठहरने की व्यवस्था है और नौसेना की भाषा में इसे ‘इन-लिविंग ब्लॉक’ कहा जाता है। दूसरे कई बैचलर होस्टलों की ही तरह इस इमारत के कमरों में खाना बनने के लिए अलग से किचन नहीं है तो सभी नौसैनिक कॉमन एरिया में बारी-बारी से खाना खाते हैं। ज्यादातर कमरों में अलग से बाथरुम नहीं है, इसलिए हर फ्लोर पर स्थित कॉमन बाथरुम का यूज़ किया जाता है।
जो जानकारी अभी तक सामने आई है, उसके मुताबिक जिन 21 नौसेना के सैनिको को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, उनकी उम्र 20-25 साल के बीच है। ऐसे में इस वक्त पूरी इमारत को क्वारंटाइन कर दिया गया है। इसके अलावा अब इस बात की टेस्टिंग चल रही है कि अलग-अलग इलाकों या फिर सेना टुकड़ियों में कोई भी कोरोना से संक्रमित तो नहीं है। इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को आगे आना पड़ा है। अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आईएनएस आंग्रे में तैनात कोई नाविक पश्चिमी नौसेना कमान में कामकाज के दौरान किसी अन्य के संपर्क में आया है या नहीं। यह मामला सामने आने के बाद नौसेना ने बड़े स्तर पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम शुरू कर दिया है।















