उत्तरायण पर इस गांव में बैन है पतंग उड़ाना, देना पड़ता है 11 हजार का जुर्माना

क्या ऐसा संभव है कि उत्तरायण का त्योहार हो और पतंगबाजी की बात न हो? उत्तरायण का उत्सव पूरे गुजरात में पतंग उड़ाकर मनाया जाता है लेकिन गुजरात में एक ऐसा गांव है, जहां उत्तरायण के दिन पतंग उड़ाने पर जुर्माना लगाया जाता है।

फतेपुरा गांव गुजरात के बनासकांठा के धनेरा तहेसिल स्थित है। फतेपुरा गुजरात का एकमात्र गांव है, जहां कोई पतंग नहीं उड़ाता। यहां पतंग उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इस गांव या किसी अन्य गांव का कोई युवक यहां पतंग उड़ाने नहीं आ सकता। फतेपुरा गांव के अधिकांश घरों में छत नहीं है और घरों की छतों के ठीक पास भारी बिजली के खंभे लगे हुए हैं। इसके कारण गांव के कई बच्चे और युवा पतंग उड़ाते समय गिर गए थे। बिजली के खंभों से पतंग उतारने के प्रयास में उनकी मौत भी हो गई थी।

इस गंभीर स्थिति में गांव के बुजुर्गों ने गांव के बच्चों के जीवन की रक्षा के लिए 1999 में एक विशेष कानून बनाया।

यह कानून पतंग उड़ाने के लिए नहीं था। गांव के बुजुर्गों ने निर्णय लिया था कि गांव का कोई भी बच्चा या युवा उत्तरायण के दिन भी पतंग नहीं उड़ाएगा। यदि कोई व्यक्ति पतंग उड़ाते हुए पकड़ा गया तो उस पर 11 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा और 5 बोरी दान दिया जाएगा। ग्रामीणों द्वारा बनाए गए इस कानून का 1999 से सख्ती से पालन किया जा रहा है और इतने सालों में पतंग उड़ाने की एक भी घटना नहीं हुई है।

चूंकि, गांव वालों ने पतंग न उड़ाने का निर्णय लिया था, इसलिए 1999 से इस गांव में कोई मौत नहीं हुई है।

इतना ही नहीं, पतंगबाजी से होने वाली आर्थिक तबाही भी रुक गई है। जहां शहर के युवा और बच्चे हर गांव में उतरायण पर पतंगबाजी का आनंद लेते हैं, वहीं इस गांव के युवा गायों को चारा खिलाकर और क्रिकेट खेलकर उतरायण मनाते हैं। उनका मानना ​​है कि हम बच्चों की सुरक्षा के लिए गांव के बुजुर्गों द्वारा लिए गए निर्णय का जीवन भर पालन करेंगे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें