
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आज संसद भवन में उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करने के बाद विपक्ष के साझा उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल एकजुट होकर लोकतंत्र को मजबूत करेंगे।
खरगे ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि विपक्षी दलों के उप राष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के जीतने की पूरी संभावना है। सभी विपक्षी पार्टियां इसके लिए एकजुट होकर कोशिश कर रही हैं।
आज संसद भवन में चल रहे उप राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से है। मतदान सुबह 10 बजे नए संसद भवन में शुरू हुआ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले वोट डाला। उनके बाद कई प्रमुख नेताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, और मल्लिकार्जुन खरगे ने भी वोट डाले। सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जी. किशन रेड्डी, रवनीत सिंह बिट्टू, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, सांसद बांसुरी स्वराज, मनोज तिवारी, रामवीर बिधूड़ी, हर्ष मल्होत्रा, और कमलजीत सहरावत ने मतदान किया। विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपना वोट डाला।
इस चुनाव में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), और पंजाब की शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने वोटिंग में हिस्सा न लेने का फैसला किया। बीजद ने अपने सात राज्यसभा सांसदों जिनमें निरंजन बिशी, सुलता देव, मुजीबुल्ला खान, सुभाशीष खुंटिया, मानस रंजन मंगराज, सस्मित पात्रा, और देबाशीष सामंतराय के साथ मतदान से यह कहते हुए दूरी बनाई कि उनकी नीति एनडीए और विपक्षी गठबंधन दोनों से समान दूरी बनाए रखने की है। शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब में अभूतपूर्व बाढ़ के कारण केंद्र और पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार से सहायता न मिलने की शिकायत के साथ मतदान से अलग रहने का निर्णय लिया। उनकी एकमात्र सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इस फैसले का समर्थन किया।
बीआरएस ने तेलंगाना में यूरिया की कमी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की उदासीनता का हवाला देते हुए बहिष्कार की घोषणा की। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने कहा कि पिछले 20 दिनों से हम यूरिया की कमी के बारे में चेतावनी दे रहे हैं लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। तेलंगाना के 71 लाख किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए हमने मतदान में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। बीआरएस के चार राज्यसभा सांसद दामोदर राव दिवाकोंडा रेड्डी, बी. पार्थसारधि रेड्डी, के.आर. सुरेश रेड्डी, और रवि चंद्र वड्डीराजू हैं, हालांकि लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व नहीं है।
उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य हैं, जिसमें लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सांसद शामिल हैं, जिनमें 12 मनोनीत सदस्य भी मतदान के पात्र हैं। वर्तमान में छह राज्यसभा सीटें और एक लोकसभा सीट रिक्त होने के कारण निर्वाचक मंडल की संख्या 781 था और बहुमत का आंकड़ा 391 था। बीजद, बीआरएस, और अकाली दल के बहिष्कार ने ये आंकड़े बदल गए है। बीजद, बीआरएस और अकाली दल के कुल 14 सांसदों के मतदान से दूरी बनाने से निर्वाचक मंडल की संख्या 781 से घटकर 767 रह गई। अब जीत के लिए 384 सांसदों का समर्थन जरूरी है।