
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव गुप्तकाशी है, जो पूरे क्षेत्र का सबसे बड़ा व्यवसायिक केंद्र भी है। यहां क्षेत्र के गांवों से रोजाना 60 से अधिक छोटे-वाहन पहुंचते हैं, जिससे सैकड़ों लोग खरीदारी करने आते हैं। यहां बाजार क्षेत्र काफी सघन है।
इसके अलावा गुप्तकाशी से गौरीकुंड के बीच फाटा, रामपुर, सोनप्रयाग और गौरीकुंड में भी यही स्थिति है। यहां, आगजनी की घटना होने पर उसे काबू पाना आसान नहीं है, क्योंकि पूरे क्षेत्र में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होती है। बीते रविवार को सोनप्रयाग में चार मंजिला होटल में लगी आग को बुझाने में स्थानीय लोगों को इन्हीं दिक्कतों का सामना करना पड़ा। फायर सर्विस को पहुंचने में तीन घंटे तक अधिक समय लग गया, तब तक होटल का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। क्योंकि जनपद में एकमात्र फायर सर्विस स्टेशन रतूड़ा में हैं, जिसकी सोनप्रयाग से दूरी 83 किमी दूर थी।
त्रियुगीनारायण व्यापार संघ के अध्यक्ष महेंद्र सेमवाल, सोनप्रयाग व्यापार संघ के अध्यक्ष अंकित गैरोला, मनोज सेमवाल, नितिन जमलोकी आदि का कहना है कि यात्राकाल में बीते वर्ष गौरीकुंड में सिलिंडर फटने से एक दुकान में आग लग गई थी। इससे पूर्व भी यहां कई बार आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं, पर आग बुझाने के लिए प्रारंभिक स्तर की व्यवस्था भी नहीं है। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि गुप्तकाशी में फायर सर्विस स्टेशन स्वीकृत है, पर भूमि नहीं मिलने के कारण आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही है।