
चायल (कौशांबी)। सोमवार तड़के पिपरी कोतवाली पुलिस की सठिया जंगल में राजू सिंह हत्याकांड के फरार मुख्य आरोपी रूपेश उर्फ लाला से मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से फायरिंग हुई, जिसमें रूपेश के पैर में गोली लग गई। घायल अवस्था में उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने हत्या के बाद से फरार चल रहे रूपेश पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
घटना का विवरण
गांजा गांव निवासी राजू सिंह (32) बीते शुक्रवार शाम पिपरी क्षेत्र के मखदूमपुर गांव में शराब के ठेके पर गया था। वहां पहले से मौजूद गांव का ही रहने वाला रूपेश उर्फ लाला अपने पिता समरजीत सिंह उर्फ मुन्ना के साथ पहुंचा। पुरानी रंजिश को लेकर रूपेश ने राजू से गाली-गलौज की और विरोध करने पर तमंचे से फायर कर दिया, जिससे गोली राजू के सीने में लग गई।
राजू को तत्काल एसआरएन हॉस्पिटल, प्रयागराज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के पिता बाबू सिंह की तहरीर पर पुलिस ने रूपेश और उसके पिता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।
मुठभेड़ का घटनाक्रम
सीओ चायल अभिषेक सिंह ने बताया कि सोमवार तड़के सूचना मिली कि आरोपी रूपेश जंगल के रास्ते फरार होने की कोशिश कर रहा है। इस पर पिपरी, सरायअकिल और चरवा थाने की पुलिस टीम ने इलाके की घेराबंदी की।
पुलिस ने जब रूपेश को सरेंडर करने के लिए ललकारा, तो उसने तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में रूपेश के दाहिने पैर में गोली लगी। मौके से हत्या में प्रयुक्त तमंचा और कारतूस बरामद किया गया है। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल से साक्ष्य भी एकत्र किए।
आरोपी की सफाई: पुलिस की लापरवाही से बिगड़ा मामला?
गिरफ्तार रूपेश का कहना है कि मृतक राजू सिंह उसके परिवार के लिए खतरा बन चुका था। कई बार पिपरी थाने की मखदूमपुर चौकी में शिकायत की गई थी, लेकिन थाना क्षेत्र के सीमा विवाद के चलते पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। रूपेश के अनुसार, उसी कारण वह अपनी सुरक्षा के लिए तमंचा लेकर चलने लगा था। घटना के दिन भी वह ठेके पर साथियों के साथ मौजूद था, और राजू को देखकर डर के कारण बचाव में गोली चला दी, जिससे उसकी जान चली गई।