
कासगंज : उमस भरी गर्मी से संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं। ऐसे में गली-मोहल्लों, गांव और शहर की पॉश कॉलोनियों में बुखार, उल्टी-दस्त, मलेरिया, दाद-खाज और खुजली के अलावा सांस के गंभीर मरीजों का इलाज झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इन झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के चलते आए दिन किसी न किसी मरीज को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला ढोलना कोतवाली क्षेत्र में सामने आया, जहां झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक महिला की मौत हो गई। वहीं मृतका के परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी है। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बताया जाता है कि ढोलना क्षेत्र के गाँव राजपुर निवासी 32 वर्षीय ऊषा देवी पत्नी त्रिमल सिंह को बीते दिन तेज बुखार आया था, जिनको दवा दिलवाने ऊषा देवी के पति त्रिमल सिंह पास के ही गांव अथैया में मौजूद झोलाछाप डॉक्टर तेज सिंह के पास ले गए। वहाँ डॉक्टर तेज सिंह ने ऊषा देवी को बोतल चढ़ा दी और इंजेक्शन लगा दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाते ही ऊषा देवी की तबीयत बिगड़ने लगी और कुछ ही देर में ऊषा देवी की झोलाछाप डॉक्टर की दुकान पर ही मौत हो गई। ऊषा देवी की मौत के बाद डॉक्टर तेज सिंह क्लिनिक बंद कर फरार हो गया।
जानकारी मिलते ही ढोलना कोतवाली पुलिस मौके पर पहुँच गई और मामले की जानकारी ली। पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं महिला के परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है। तहरीर मिलने के बाद ढोलना कोतवाली पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। वहीं ऊषा देवी की मौत से घर में मातम छाया हुआ है।
परिजनों ने बताया कि मृतका ऊषा देवी की शादी लगभग 11 वर्ष पूर्व जिला एटा में हुई थी। मृतका की 3 बेटियाँ – 7 वर्षीय पूनम, 6 वर्षीय अंशिका, 4 वर्षीय राखी और एक बेटा – 6 वर्षीय अभिषेक है।