
Kasganj : गोरहा सहावर मार्ग पर बनाई गई बांके बिहारी कॉलोनी अघोषित है। कॉलोनी काटने वालों की मुसीबतें लगातार बढ़ रही हैं, क्योंकि इसके लिए मुख्य सड़क से कोई वैध रास्ता उपलब्ध नहीं है। आरोप है कि प्रॉपर्टी डीलरों ने वन विभाग की मिलीभगत से सरकारी भूमि पर लगे पेड़ कटवाकर रास्ता निकाल लिया।
करीब 15 बीघा में विकसित इस कॉलोनी के लिए न तो तहसील से कोई मंजूरी ली गई और न ही वन विभाग से अनुमति। पहले यहां तारबंदी और पेड़ लगे थे, जिन्हें हटवाकर मुख्य सड़क से कॉलोनी को जोड़ दिया गया। दर्जनों पेड़ काटे जाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है, बल्कि सरकारी भूमि पर कब्जे की प्रवृत्ति भी सामने आई है।
चर्चाएं और आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि डीलरों ने वनकर्मियों को तीन लाख रुपये देकर कार्रवाई टाल दी। इसके बाद हौसले बुलंद डीलरों ने सरकारी भूमि को अपना मानकर सभी पेड़ कटवा दिए।
प्रशासन का रुख
एसडीएम संजीव सिंह ने बताया कि बांके बिहारी कॉलोनी के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई है। यह पूरी तरह अघोषित कॉलोनी है और सड़क से 140 फुट तक की भूमि सरकारी है। कॉलोनी को किसी तरह का रास्ता उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। वन विभाग को जांच के निर्देश दिए गए हैं।