भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। न्याय पालिका, कार्य पालिका एवं विधायिका लोकतंत्र के तीनों स्तंभ अपने कर्तव्य एवं कार्यों में जब भी विमुखता दिखाते हैं, तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाना वाला मीडिया जनता की आवाज बनकर इन तीनों तक वह बात पहुंचाने का प्रयास करता है। उक्त बात तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में वीकेंड अभिव्यक्ति कार्यक्रम में मीडिया लॉ विषय पर विशेष व्याख्यान में डॉक्टर अपेक्षा चौधरी ने कही।
उन्होंने कहा, संविधान के अनुच्छेद 19(1) में वॉक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उल्लेखित है। मीडिया के लिए कोई अलग से कानून नहीं है, वह इसी में समाहित है। वॉक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का यह तात्पर्य बिल्कुल नहीं है कि हम कुछ भी कहें, कुछ भी बोलें, कुछ भी लिखे तथा कुछ भी दिखाएं। संविधान के अनुच्छेद 19(2) में इस पर पाबंदियों का उल्लेख भी किया। उन्होंने वनार्कुलर प्रेस एक्ट से लेकर प्रेस काउंसिल आॅफ इंडिया पर विस्तार से चर्चा की। सीआरपीसी एवं आईपीसी के मीडिया संबंधी प्रावधानों पर भी हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में हुए केस के माध्यम से उदाहरण सहित समझाया। अंत में उन्होंने कई छात्र-छात्राओं की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने सभी का स्वागत किया तथा लव कुमार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन एमजेएमसी सेकंड ईयर की छात्रा निधि शर्मा ने किया।