
बेलगावी : कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार को समाज में नफरत, वैमनस्य और दुश्मनी फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से हेट स्पीच और हेट क्राइम्स रोकथाम विधेयक, 2025 पारित कर दिया। बेलगावी में हुई विधानसभा चर्चा के दौरान गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने विधेयक के प्रावधानों और इसकी आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला।
गृह मंत्री ने बताया कि हेट स्पीच का अर्थ किसी व्यक्ति, समुदाय या संगठन—चाहे वह जीवित हो या मृत—के खिलाफ नफरत फैलाने वाले शब्द कहना, लिखना, छापना, प्रचारित करना या उकसाना है, जिससे समाज में घृणा, दुश्मनी या वैमनस्य की स्थिति पैदा हो। उन्होंने कहा कि ऐसे कई बयान सामने आते हैं जो सीधे तौर पर हिंसा भड़काते हैं या एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का काम करते हैं। इस तरह की प्रवृत्तियों पर लगाम लगाने के लिए एक सख्त और स्पष्ट कानून समय की जरूरत है।
परमेश्वर ने उदाहरण देते हुए कहा कि कई बार अखबारों और अन्य माध्यमों में ऐसे बयान प्रकाशित होते हैं, जिनमें किसी समुदाय के खिलाफ हिंसा या नुकसान पहुंचाने की खुली बात की जाती है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
नए कानून के तहत हेट क्राइम के दोषी व्यक्ति को न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम सात वर्ष तक की सजा के साथ 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति बार-बार इस तरह का अपराध करता है, तो उसके लिए सजा और अधिक कड़ी होगी। दोहराए गए अपराध की स्थिति में कम से कम दो वर्ष की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव भी रखा, जिसमें अधिकतम सजा को पहले प्रस्तावित 10 वर्ष से घटाकर 7 वर्ष करने की बात कही गई। उन्होंने तर्क दिया कि कानूनी ढांचे के भीतर रहते हुए सात वर्ष की सजा पर्याप्त है। विधानसभा ने इस संशोधन को स्वीकार कर लिया।
विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य मंत्री बैराठी सुरेश ने कहा कि हेट स्पीच बिल का विरोध करने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि समाज में नफरत भरे भाषण के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। वहीं, कांग्रेस विधायक एन.ए. हारिस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार के हर सकारात्मक कदम का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा समाज चाहती है, जहां नफरत नहीं बल्कि शांति, सद्भाव और आपसी सहयोग हो।













