
कर्नाटक सरकार ने आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों को ध्यान में रखते हुए पीड़ितों के लिए मुआवजा योजना की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि कुत्ते के हमले से मौत होने पर पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं, गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति में कुल 5,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा। इसमें 3,500 रुपये सीधे पीड़ित को और 1,500 रुपये इलाज के लिए सुवर्ण आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट को दिए जाएंगे।
जिन मामलों में त्वचा फटने, गहरी चोट या एक से अधिक जगह काटने जैसी गंभीर स्थिति होगी, वहीं यह राहत लागू होगी।
तमिलनाडु में भी बढ़ा खतरा: 5.25 लाख मामले, 28 मौतें
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने तमिलनाडु में कुत्तों के काटने और रेबीज से मौतों पर चिंता जताई है। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक 5.25 लाख से अधिक डॉग बाइट केस दर्ज हुए हैं और रेबीज से 28 लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों से निपटने के उपायों—जैसे पकड़ना, नसबंदी, टीकाकरण—का विरोध “कुत्ता प्रेम” के नाम पर नहीं किया जाना चाहिए और इसे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते डॉग अटैक मामलों पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और पब्लिक प्लेसीज़ से आवारा कुत्तों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के अनुसार:
- पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण के बाद उन्हें उन्हीं क्षेत्रों में वापस नहीं छोड़ा जाएगा
- ऐसे कुत्तों को निर्धारित डॉग शेल्टर में भेजा जाए
- पब्लिक संस्थान यह सुनिश्चित करें कि परिसर में मजबूत बैरिकेडिंग हो, ताकि कुत्ते दोबारा प्रवेश न कर सकें
- आदेश का पालन न होने पर मुख्य सचिव और संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे










