“खुफिया रिपोर्ट बताती है कि शनिवार का रोड-शो ऐतिहासिक था। उत्तर प्रदेश में बीते पांच साल में किसी भी रोड-शो में ऐसी भीड़ नहीं उमड़ी थी। इस रोड-शो ने कानपुर का चुनावी समीकरण इकतरफा कर दिया है।”
कानपुर। शनिवार का दिन कानपुर के रण में विरोधियों के लिए शनि की साढ़े साती लेकर आया था। इंटेलीजेंस ब्यूरो का दावा है कि पिछले पांच साल में यूपी में किसी भी रोड-शो में ऐसा जन-सैलाब नहीं उमड़ा था। खास बात यह कि रोड-शो में उमड़ी भीड़ किसी चुनावी मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं थी,
अपितु मोदी मैजिक के आकर्षण में जन-सामान्य हरजेंदर नगर चौराहे से संतनगर चौराहे तक कतारबद्ध था। रोड-शो का श्रीगणेश करने से पहले भाजपा उम्मीदवार रमेश अवस्थी ने प्रधानमंत्री को त्रिशूल भेंट किया तो मोदी ने त्रिशूल थामते हुए कहाकि – कैसे हो रमेश बाबू, बाबा आनंदेश्वर का प्रसाद लेकर आए हो।
आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को चकेरी इलाके के हरजेंदरनगर चौराहे से लेकर गुमटी बाजार और संतनगर चौराहे तक मोदी की झलक देखने के लिए पांच लाख से ज्यादा लोगों ने एक-डेढ़ घंटे इंतजार किया। सिर्फ गुमटी गुरुद्वारा से संतनगर चौराहे तक साढ़े चार लाख से ज्यादा लोगों ने विभिन्न ब्लॉक, सड़क किनारे खड़े होकर और छतों-छज्जों से मोदी को निहारा। इस दौरान चार क्विंटल से ज्यादा फूलों की बारिश मोदी के रथ पर हुई।
रोड-शो शुरू करने से पहले और अरदास के बाद गुरुद्वारे से निकलते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी ने त्रिशूल भेंट किया तो त्रिशूल थामते ही मोदी बोले- कैसे हो रमेश बाबू, बाबा आनंदेश्वर का प्रसाद लाए हो। इतना कहने के बाद मोदी ने त्रिशूल को माथे लगाकर अवस्थी से कहाकि- भाजपा की टीम और नागरिकों के साथ समन्वय बनाकर कानपुर के समग्र विकास का रोड-मैप बनाना है।
रोड-शो के दौरान प्रधानमंत्री एक अभिभावक की तरह रमेश अवस्थी को समझाते भी करते नजर आये थे। तीसरी पारी में कानपुर पर फोकस रहेगा। रोड-शो के बाद भास्कर से संवाद में रमेश अवस्थी ने कहाकि, पीएम का यह स्वरूप देख बतौर प्रत्याशी आत्मविश्वास और बढ़ गया। लोगों को समझना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी में हर कार्यकर्ता इतना समर्पित क्यों है। उन्होंने बताया कि एक ही सच्चाई है कि भाजपा में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सबसे पहले अभिभावक होता है, बाद में कुछ और…!