
- 70 दमकल कर्मी, एसडीआरएफ और पुलिसकर्मियों ने किया रेस्क्यू
- फिर से जांच का खेल शुरू, जिम्मेदारी किसकी इसका जवाब नहीं
कानपुर। चमनगंज के प्रेम नगर में देर रात अपार्टमेंट में लगी भीषड़ आग में मरने वालो की संख्या पांच हो गई। देर रात उपचार के दौरान महिला और एक बच्ची की मौत हो गई। हादसे के दूसरे दिन फायर ब्रिगेड के अफसरों समेत पुलिस के अफसर पूरी रात मौके पर मौजूद रहे। प्रेम नगर में रहने वाले आकिब का परिवार इस अपार्टमेंट में रहता था। रात करीब नौ बजे जूते के कारखाने में आग लगी ही। तेज आवाज के साथ ड्रम फटने लगे जिसके बाद आग भीषड़ तरह से फैल गई।
इस दौरान कुछ परिवार को फायर टीम ने रेस्क्यू कर लिया लेकिन चौथी मंजिल पर फंसे मोहम्मद दानिश (45), उनकी पत्नी नाजमी सबा (42), बेटी सारा (15), सिमरा (12), इनाया (7) को नहीं निकाला जा सका। पांचों लोग जिंदा जल गए। एक बेटी जान बचाने के लिए मां से लिपट गई। मां-बेटी का लिपटा हुआ शव मिला।पूरी रात इलाके में मौत का कोहराम मचा रहा। सुबह आग बुझने के बाद भी लोग अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके।

फायर टीम कर रही जांच
आग बुझने के फायर टीम ने अन्दर जाकर जांच शुरू कर दी है। आशंका है कहीं कोई और शव तो नहीं।वहीं पांचों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पूरा इलाका कई मुस्लिम धर्म गुरु, अफसर और राजनीत लोग मौके पर पहुंच रहे है।
घनी आबादी में मौत के आशियाने
इस घटना के बाद एक बार फिर केडीए और फायर टीम पर सवाल उठने लगे है। दर्जनों घटना के बाद फिर से कागजी घोड़े दौड़ाए जायेंगे। जांच होगी लेकिन जिम्मेदारी किसी की तय नहीं होगी।
केडीए के एक सूत्र के अनुसार इस इमारत के बने तीन से चार साल ही हुए है।
नक्शा अपलाई किए जाने के बाद je मौके पर जाकर जांच करते है और रिपोर्ट देते है लेकिन पैसों के चक्कर में रिपोर्ट गोलमोल बना दी जाती है। अगर नक्शा विपरीत होता है तो भी स्थानीय je हर माह पैसे लेके इमारत बनवा देते है। केडीए पिछले दिनों ताबड़तोड़ दर्जनों इमारतें सील की थी।लेकिन इस इमारत पर करवाही नहीं हो सकी।
हालांकि सटीक सूत्र के अनुसार निर्माण के दौरान इस इमारत को लेकर नोटिस काटा गया था और वहीं पुराना खेल अभियंताओं ने खेला था। हादसे के बाद अफसर कागज ढूंढने में जुट गए।
नक्शा विभाग में सालों से जमे गिने चुने अफसर मलाई काट कर रहे है।











