कानपुर। आने वाली आगामी 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या धाम नगरी में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी जिसको लेकर पूरा देश राममय हो गया है , लेकिन राम नाम की असली भक्ति और शक्ति कार्डियोलॉजी विभाग के कार्डियक सर्जन डॉ नीरज कुमार की कलम और भावनाओं में साफ रूप से दिखाई दी है, जिसका जीत जगत प्रमाण सभी के सामने है।
आपको बताते चलें की हृदय घात से बचने के लिए कार्डियोलॉजी के कार्डियक सर्जन डॉक्टर नीरज कुमार ने प्राथमिक उपचार हेतु ₹ 7 की रामकिट तैयार की जिसका प्रचार प्रसार आज पूरे देश में हो रहा है। इसी क्रम को बनाए रखने के लिए डॉक्टर नीरज कुमार ने एक नई पहल या यू कहे कि एक नई शुरुआत की है कि अब मरीज के बनने वाले पर्चे पर डॉक्टर जहां प्रिस्क्रिप्शन का मार्क लिखते हैं अब वहां पर भगवान राम का नाम लिखा मिल रहा है। यही नहीं डॉक्टर नीरज कुमार ने प्रिस्क्रिप्शन मार्क की मोहर भी तैयार करवाई है जिस पर राम नाम लिखा हुआ है।
इसी राम नाम को अपना और मरीजो की बीमारी का शास्त्र बना कर मरीज को दवा लिख रहे हैं। जब इस बाबत उनसे बात की तो उन्होंने कहा की राम किट और राम नाम लोगों को याद भी रहेगा और इससे साथ ही उनके अंदर भक्ति और विश्वास भी बढ़ेगा जो उनके बेहतर इलाज में भगवान राम की तरह रामबाण साबित होगा। डॉ नीरज कुमार की इस पहल को लेकर कार्डियोलॉजी विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। राम नाम का विस्तार करने का अनोखा तरीका डॉक्टर नीरज कुमार निकाला है जिसको लेकर कई डॉक्टर प्रेरणा लेकर इसकी शुरुआत करने का मन बना रहे हैं।
डॉ नीरज कुमार ने इलाज करने के लिए अब भगवान राम नाम का सहारा लिया है और इसका फर्क मरीजों की सेहत पर भी साफ नजर आ रहा है। डॉ नीरज कुमार ने कहा की सनातन धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है और इसके नायक भगवान श्री राम है तो भगवान राम का नाम लेकर ही औषधि लिखी जाए तो उसका परिणाम भी राम की तरह उज्जवल और पवित्र साबित होगा जिससे मरीज का हृदय भगवान राम के सहारे आगे भी स्वस्थ रूप में चलता रहेगा।