कानपुर : दीनू उपाध्याय के गैंग में 20 गुर्गे, गुरु-चेला समेत दस जेल के अंदर

दीनू उपाध्याय के गैंग में भाई संजय उपाध्याय और भतीजा मनु उपाध्याय समेत 13 अधिवक्ता हैं। गैंग में कुख्यात भूमाफिया रामखिलावन का नाम पहले नंबर पर है। गैंग के सदस्य सगे भाई टिवंकल और सोनू पंडित फरार हैं, जबकि आठ सदस्य जमानत पर बाहर हैं।

भास्कर ब्यूरो
कानपुर। आखिरकार दीनू उपाध्याय के सिंडिकेट को पुलिस रिकार्ड में गैंग की पहचान मिल गई है। पितृ-पक्ष के पहले दिन धीरज उपाध्याय उर्फ दीनू उपाध्याय को गैंग लीडर घोषित करते हुए आईआर 09 इंटररेंज गैंग के रूप में पंजीकृत किया गया है। गैंग में कुख्यात भूमाफिया रामखिलावन समेत 21 सदस्य हैं। फिलवक्त गैंग के गुरु तथा दस गुर्गे जेल के अंदर कैद हैं, जबकि आठ शागिर्द जमानत पर आजाद हैं। दो सदस्यों- सगे भाई पुलिस और जेल से बचने के लिए फरार हैं। पुलिस रिकार्ड के हिसाब से आसपास के जनपदों में रंगदारी वसूलने के साथ-साथ फर्जी कागजात की बदौलत जमीनों को कब्जा करना गैंग का मुख्य जरायम है। रंगदारी नहीं मिलने की स्थिति में गैंग के सदस्य डकैती और लूट जैसी हरकत करने से परहेज नहीं करते हैं।

दीनू के गैंग में अधिवक्ताओं की फौज
कथित तौर पर दीनू उपाध्याय खुद अधिवक्ता है, अलबत्ता उसकी वकालत की डिग्री पर सवाल तमाम हैं। अदालत को दीनू की कानूनी डिग्री पर फैसला करना है। गौरतलब है कि, क्राइस्ट चर्च कालेज से थर्ड डिवीजन में स्नातक उत्तीर्ण होने के बावजूद, दीनू उपाध्याय ने बिहार राज्य के सीवान जिले से विधि की डिग्री को हासिल किया है। वकालत की आड़ में जमीन-जायदाद पर कब्जा और रंगदारी का जरायम करने वाले दीनू उपाध्याय के गैंग में तमाम अधिवक्ता भी शामिल हैं। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, दीनू के गैंग में शामिल अधिवक्ताओं में अजय शर्मा उर्फ जडेजा, उपेंद्र भदौरिया, अनूप शुक्ला, अरिदमन सिंह, धर्मेंद्र यादव धर्मू, गोपाल सिंह, नारायण भदौरिया, नीरज दुबे, मनु उपाध्याय, संजय उपाध्याय, स्रोत गुप्ता और विकास सिंह उर्फ विक्की ठाकुर शामिल हैं। इस प्रकार गैंग के गुरु दीनू उपाध्याय समेत 13 अधिवक्ता गैंग के सदस्य हैं।

जमानत पर आठ शागिर्द, दो फरार
गैंग के सदस्यों में बॉस दीनू उपाध्याय फिलहाल सोनभद्र जेल में बंद हैं, जबकि कानपुर जेल में अरिदमन सिंह, नारायण भदौरिया, अनूप शुक्ला, रामखिलावन, दीपक जादौन, गोपाल शरण सिंह, मनु उपाध्याय, संजय उपाध्याय, सत्येंद्र त्रिवेदी, विकास ठाकुर कानपुर जेल में कैद हैं। गैंग के आठ सदस्य जमानत पर बाहर हैं। करोड़ों की जमीन हथियाने के लिए राजाराम वर्मा की फर्जी बहू होने का दावा करने वाली विमला देवी, विमला का बेटा शुभम निषाद, अजय जडेजा, उपेंद्र भदौरिया, उदय शर्मा, आलोक मिश्रा, धर्मेंद्र यादव उर्फ धर्मू, श्रोत्र गुप्ता जमानत पर हैं, जबकि धीरज दुबे उर्फ टिवंकल तथा नीरज दुबे उर्फ सोनू पंडित फरार हैं।

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