कानपुर : शुगर ने छीनी आंखो की रोशनी, डॉक्टर ने कहा प्रयास कर बचायेंगे दूसरी आंख

कानपुर। बचपन में आंखो मे माडा पड जाने से दिखना बंद हुआ, इलाज में पैसे का अभाव,ओर गरीबी में इलाज ना करा पाना और 20 वर्ष की उम्र में डायबटीज होने से एक 32 वर्षीय युवती की दाहिनी आंख पूरी तरह से डैमेज हो गई। जब वह हैलट के नेत्र रोग विभाग में डॉ परवेज खान की यूनिट में पहुंची , डायबिटीज रेटिनोपैथी की बीमारी से ग्रसित गुड़िया ओपीडी में आई डॉ परवेज के जांच करने के बाद बताया कि दाहिनी आंख तो पूरी तरह से खराब हो गई है ,लेकिन बांए आंख को बचाने का प्रयास किया जायेगा।
जीएसवीएम मेडिकल से सम्ब्ंद्ध हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभागध्यक्ष डॉ परवेज खान ने बताया कि शिवराजपुर निवासी गुडिया (32) के बचपन में आंखो में माडा पड गया था। उसके बाद उसे 20 वर्ष की उम्र में शुगर हो गई, जिसके चलते दाहिनी आंख की रोशनी पूरी तरह से खत्म हो गई है जबकि बांई आंख में भी शुगर होने के कारण मरीज गुडिया की आंख का आपरेशन भी नही किया जा सकता है।

लेकिन एक नई आधुनिक विधि से मरीज की आंखो में रेटिना में सुई के माध्यम से स्टारायड डालेंगे ताकि बांई आंख की रोशनी को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि कम उम्र में डायबिटीज के इस लक्षण को देखने पर यह डायबिटीज टाइप 5 के लक्षण लग रहे है ।

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