
कानपुर। हैलट अस्पताल में मरीजों को बहला फुसलाकर निजी पैथोलॉजी संस्थानों में ले जाने वाले दलाल को प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने इमरजेंसी से पकड़ा है। शक के आधार पर जब आरोपित की तलाशी ली गई तो उसके मिले बैग से स्टेथोस्कोप, मरीजों के पर्चे, ब्लड सैंपल, दवाइयां और मेडिकल संबंधित वस्तुएं मिली हैं। प्रिंसिपल ने बिना देरी किये संदिग्ध को पुलिस के हवाले कर दिया है।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के प्रिंसिपल डॉक्टर संजय काला ने मंगलवार को बताया कि देर रात देर रात वह अपनी मेडिकल टीम के साथ लाला लाजपत राय चिकित्सालय (हैलट) के राउंड पर निकले थे। इस दौरान वह इमरजेंसी में भर्ती मरीजों का हाल-चाल और वहां की व्यवस्थाओं को भी परख रहे थे। तभी उन्हें एक संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिया। जिसके हाथ में एक बैग था। जब उन्होंने युवक को बुलाकर उससे जानकारी हासिल की। तो उन्हें उस पर शक हुआ। पूछताछ के दौरान उसने खुद को फिजियोथैरेपिस्ट बताया, लेकिन उसके जवाबों से प्रिंसिपल और उनकी टीम संतुष्ट नहीं हुई।
पूछताछ के दौरान वह संदिग्ध व्यक्ति बार-बार अपना बयान बदलता रहा। कुछ देर बाद उसने बताया कि वह यहीं का छात्र है। उसके पास से मिले बैग की तलाशी ली गई तो सभी के होश उड़ गए। दरअसल उसके बैग में कुछ ब्लड सैंपल, दवाइयों समेत मेडिकल संबंधित वस्तुएं मिली। इसके अलावा उसके पास से मिले मोबाइल के आधार पर यह जानकारी हुई कि वह एक निजी पैथोलॉजी संस्थान का कमीशन एजेंट है। जो मरीजों को सस्ते दामों में जांच करवाने का लालच देकर गुमराह करता था।
आगे प्रिंसिपल ने बताया कि उन्हें बीते कुछ समय से उन्हें ऐसी सूचना मिल रही थी कि अस्पताल स्टाफ के कुछ लोग बाहरी लोगों के साथ मिलकर दूर दराज इलाकों से इलाज करवाने आने वाले मरीजों को गुमराह करके निजी पैथोलॉजी संस्थाओं से जांच करवाने के लिए दबाव बनाते थे। जिन्हें पकड़ने के लिए मेडिकल स्टाफ की टीमें कार्य कर रही थी। उनका यही मानना है कि इस दलाल के पकड़े जाने से और भी लोगों के नाम उजागर हो सकते हैं।
पुलिस उपायुक्त मध्य श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसके मोबाइल की भी जांच हो रही है। सबूतों के आधार पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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