
भास्कर ब्यूरो
बिल्हौर, कानपुर। अरौल में कोठी घाट खुलवाने की मांग पर सपा का कार्यक्रम ठंडा गया। प्रशासनिक सख्ती के चलते विरोध का स्वरूप बदल गया और चंद घड़ियों में प्रदर्शन सिकुड़ गया। इस दौरान मुकदमाबाजी की चर्चा तेज हैं।
अरौल थाना क्षेत्र में आंकिन गांव के समीप गंगा की ओंठ में कोठीघाट मौजूद है। तकरीबन तीन साल पहले इस घाट पर स्नान के दौरान छः लोगों की डूबने से मौत हो गई। घटना के बाद सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने कोठीघाट को प्रतिबंधित कर दिया। इससे यहां स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओ का रुख बदल गया। इलाकाई लोगों की नाराजगी पर जनप्रतिनिधियों ने जल्द घाट को पक्का बनवाकर सुचारु करने का आश्वासन थमाया, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। कई दिनों से घाट खुलवाने का बीड़ा उठाकर सपा की पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रचना सिंह ने आवाज बुलंद की। इस क्रम में विरोध जताकर ज्ञापन सौंपे गए। इसकी अनदेखी के चलते शनिवार को समर्थक और पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में रचना सिंह ने विरोध प्रदर्शन कर गंगा जल भटकर एसडीएम कार्यालय तक पदयात्रा की भूमिका बनाई। इसकी भनक लगते ही प्रशासनिक अमल सक्रिय हो गया।
हरकत में आए एसडीएम संजीव दीक्षित, एसीपी अमरनाथ यादव के नेतृत्व में कई थानों की फोर्स मौके पर मुस्तैद कर दी गई। धारा 163 (पूर्व धारा 144) के प्रभावी होने के चलते कार्यक्रम पर विराम लगाने को बोलवचन दिए गए। इससे सपाई भड़क उठे। मौके से वायरल एक वीडियो में सपाई और प्रशासनिक अफसरों के बीच तीखी नोंकझोंक होती नजर आई। लिहाजा कुछ देर मान मनव्वल के बाद विरोध प्रदर्शन पर विराम लग गया। वहीं, धारा 163 का उल्लंघन करते हुए विरोध प्रदर्शन करने को लेकर प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखे जाने जाने की चर्चा गहराई रही।