कानपुर : चक्रव्यूह में फंसे अखिलेश दुबे, एक दिन में तीन मुकदमे, पढ़े जुल्म की पूरी कहानी

हाईलाइटर्स…..

  • किदवई नगर थाने में अखिलेश दुबे के खिलाफ दर्ज तीसरी एफआईआर के मुताबिक, सरकारी पार्क में कब्जा करने के बाद किशोरी वाटिका गेस्ट हाउस बनाने की शिकायत करने पर मुंह में रिवाल्वर घुसेड़कर धमकाया था। कोतवाली में राजनीतिक पार्टी से जुड़े अधिवक्ता ने चौथी एफआईआर दर्ज कराई है। वसूली और फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के इस मामले में अखिलेश का नाम पिंटू सेंगर हत्याकांड से जुड़े अभियुक्तों से जोड़ा गया है। पांचवी एफआईआर पश्चिम शहर के कल्याणपुर थाने में लिखी गई है, इस मुकदमे में फिलहाल अखिलेश दुबे का नाम नहीं है, लेकिन उनके कई शागिर्द बतौर अभियुक्त दर्ज हैं।

भास्कर ब्यूरो
कानपुर। सतीजा के श्राप से साकेत दरबार की बर्बादी के संकेत दिखने लगे हैं। चार दिन में अखिलेश दुबे और सिंडिकेट के खिलाफ पांच एफआईआर दर्ज हुई है। अभी एसआईटी के दफ्तर से शिकायतों का पुलिंदा खुलना शेष है। तीसरी एफआईआर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दर्ज कराई है। आरोप है कि, सरकारी पार्क को जोर-जुगाड़ से कब्जाने के बाद किशोरी वाटिका नामक गेस्ट हाउस संचालित करने की शिकायत करने पर अखिलेश दुबे और शागिर्दों ने मुंह में रिवाल्वर घुसेड़कर धमकाया और मारा-पीटा था। इस दरमियान, करोड़पति सिंडिकेट ने जेब में रखे दस हजार रुपए लूट लिये थे। चौथी एफआईआर में एक राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी ने अखिलेश दुबे को पिंटू सेंगर हत्याकांड के अभियुक्तों से जोड़ते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाकर उगाही की कोशिश का आरोप लगाया है।

गुंडई से सहमा सच का आईना वाला महामंत्री
नौबस्ता थानाक्षेत्र में आवास-विकास निवासी शैलेंद्र कुमार का दावा है कि, वह सच का आईना नामक संस्था में वर्ष 2014 में महामंत्री था। साकेत नगर के डब्ल्यू-1 ब्लाक में सरकारी पार्क में कब्जा और गेस्ट हाउस के अवैध निर्माण की शिकायत 20 अप्रैल 2015 को तत्कालीन नगर आयुक्त के दफ्तर के साथ-साथ कई उच्चाधिकारियों के पास दर्ज कराई तो अखिलेश दुबे रंजिश रखने लगा था। शैलेंद्र की तहरीर के मुताबिक, 12 मई 2015 को सुबह 10.30 बजे विपिन गुप्ता नामक पत्रकार ने साक्षात्कार का झांसा देकर बुलाया और धोखे से दीप टाकीज के सामने अखिलेश दुबे के दफ्तर में पहुंचा दिया। यहां अखिलेश दुबे के अतिरिक्त मलिकपुरम-बर्रा निवासी अधिवक्ता पंकज दीक्षित, नागेश्वर अपार्टमेंट-स्वरुप नगर निवासी अनुज मिश्रा तथा दो-तीन अन्य अनजान मौजूद थे। मौजूद लोगों ने बेरहमी से पीटा, इसके बाद अखिलेश दुबे ने मुंह में रिवाल्वर घुसेड़कर अपशब्द कहते हुए नुकसान के एवज में बीस लाख रुपए की रंगदारी मांगी। मारपीट के दौरान अखिलेश और पंकज ने जेब में रखे दस हजार रुपए लूट लिये थे।

चार थानों के शागिर्द इंस्पेक्टरों के जरिए मुकदमों का तोहफा
शैलेंद्र का आरोप है कि, मारपीट के अगले दिन से लगातार धमकियां मिलीं। इसके बाद पहली सितंबर को कल्याणपुर थाने में, आठ अक्टूबर को चकेरी थाने में दूसरा मुकदमा, तीसरा मुकदमा फजलगंज थाने में और 22 दिसंबर 2015 को बाबूपुरवा थाने में चौथा मुकदमा दर्ज कराकर फर्जी मामलों में फंसाना शुरू कर दिया। सभी मुकदमों के बाद शैलेंद्र के पास अखिलेश दुबे के गुर्गे लगातार बीस लाख रुपए का इंतजाम करने और शिकायत करने से परहेज की नसीहत देते थे। अखिलेश के खिलाफ एसआईटी जांच की जानकारी हुई तो शैलेंद्र ने हिम्मत जुटाकर शनिवार को किदवईनगर थाने में दंगा, डकैती, वसूली जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है।

अधिवक्ता पर लादे बलात्कार के दो फर्जी मामले
कोतवाली में दर्ज अखिलेश दुबे के खिलाफ चौथी एफआईआर के मुताबिक, साकेत नगर दरबार के तार पिंटू सेंगर के हत्यारों से सीधे तौर पर जुड़े थे। बात वर्ष 2015 के उस दौर की है, जब पिंटू सेंगर जीवित थे, लेकिन पप्पू स्मार्ट से रंजिश शुरू हो चुकी थी। पिंटू की पैरवी और पप्पू की काली करतूतों को अदालत तक पहुंचाने के कारण पप्पू स्मार्ट की आंख में अधिवक्ता किरकिरी की माफिक खटक रहा था। ऐसे में पप्पू स्मार्ट ने अपने भाई-भतीजों और गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर अखिलेश दरबार में हाजिरी लगाई और अधिवक्ता को सबक सिखाने के लिए फरियाद लगाई। फर्जी मुकदमों के मास्टर अखिलेश दुबे ने कुछ दिन इंतजार का हुक्म सुनाने के बाद वर्ष 2016 में अधिवक्ता के खिलाफ बलात्कार के दो फर्जी मामले दर्ज कराए। तफ्तीश के दरमियान, लड़कियों के नाम-पते फर्जी मिले तो मुकदमा स्पंज हो गया। इसी दरमियान, अदालत में प्रोटेस्ट नहीं करने के एवज में अधिवक्ता से दस लाख रुपए रंगदारी मांगी गई। इंकार करने पर बदनामी का तोहफा मिलने की धमकी मिली तो अधिवक्ता ने एक लाख रुपए अखिलेश सिंडिकेट के पास पहुंचा दिये। इसके बावजूद, पिंटू सेंगर की हत्या के कुछ दिन पहले तक अखिलेश के गुर्गे और पप्पू स्मार्ट का गैंग आए दिन अधिवक्ता से उगाही की कोशिश में जुटे थे। कोतवाली में दर्ज एफआईआर में अखिलेश दुबे के साथ-साथ पप्पू स्मार्ट, जैन कालिया, मो. आरिफ, मो. शौयेब, आमिर बिच्छू, फराज, रामेंद्र गुप्ता उर्फ गुड्डू, हर्षित यादव और विनेश यादव को मुल्जिम बनाया गया है।

कल्याणपुर में अखिलेश के शागिर्दों के खिलाफ रिपोर्ट
कल्याणपुर में एक महिला ने अखिलेश दुबे के दो शागिर्दों – विनय कटियार और शोमिल शाह के खिलाफ रंगदारी मांगने और धमकाने की धाराओं में मुकदमा लिखाया है। महिला का आरोप है कि, अखिलेश दुबे के साथ रहने वाले विनय कटियार और शोमिल शाह ने तीन महीने एक लड़की को सामने लाकर भाई के ऊपर फर्जी मामला दर्ज कराया था। इसके बाद मामला रफा-दफा कराने के एवज में पांच लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। फिलहाल, एफआईआर में अखिलेश दुबे का नाम नहीं है, लेकिन कयासबाजी है कि विवेचना में अखिलेश का नाम शामिल हो सकता है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

तारा – वीर ने सोशल मीडिया पर लुटाया प्यार थाईलैंड – कंबोडिया सीमा विवाद फिर भडका तेजस्वी के खिलाफ बोल रहे थे विजय सिन्हा, तभी दे दिया जवाब ‘मारो मुझे मारो… दम है तो मारो लाठी…’ पेट्रोल पंप पर महिला का हाई वोल्टेज ड्रामा, वीडियो वायरल