Kannauj : दस वर्षीय मासूम की बुखार से मौत, शादी की खुशियों में छाया मातम

  • तीन दिनों से बुखार की चपेट में थी मासूम, समुचित उपचार न मिलने से तोड़ा दम।
  • बड़ी बहन की सात नवंबर को शादी के चलते लाडली ने मांगा था लहंगा।

Tirwa, Kannauj : जिले में बुखार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। डेंगू सहित बुखार के अन्य लक्षणों के कारण बड़ी संख्या में छोटे से लेकर बड़े तक इसकी चपेट में हैं। सबसे अधिक स्थिति गांवों की खराब है।

यहां समुचित उपचार न मिलने के कारण जहां पीड़ित झोलाछापों के पास तो कहीं अन्य छोटे-मोटे क्लीनिकों पर पहुंचकर अपना काम चला लेते हैं, वहीं कस्बों में भी लोग इन बीमारियों की चपेट में आकर सरकारी अस्पतालों में बेहतर उपचार न मिल पाने के चलते निजी अस्पतालों में इलाज कराने को विवश हैं। ऐसे ही एक मामले में एक दस वर्षीय बच्ची की समय पर बेहतर इलाज न मिल पाने के कारण मौत हो गई। बताते चलें कि जिले के थाना इंदरगढ़ क्षेत्र के बहोसी गांव के मजरा जिनौठी में रहने वाले प्रमोद कुमार के घर खुशियों का माहौल था।

वजह, प्रमोद की बड़ी बेटी सपना की शादी तय होने के बाद आगामी सात नवंबर को उसकी बारात आनी थी। प्रमोद की सात बेटियों में सपना के अलावा उपासना, साधना, कोमल, जानवी, अंशिका के बाद सबसे छोटी बेटी राधिका थी। घर में सबसे छोटी होने के कारण राधिका परिवार में सभी की लाडली थी। बड़ी बहन सपना की शादी को लेकर जहां पूरा परिवार खुश था, वहीं राधिका भी शादी में लहंगा मांगने की जिद पर अड़ी थी। परिवार ने बीते शुक्रवार को राधिका के लिए लहंगा भी खरीद लिया था। खुशियों के माहौल के बीच परिवार पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

बीते तीन दिनों से राधिका बुखार की चपेट में थी। स्थानीय स्तर पर उपचार के बाद भी राधिका को कोई आराम नहीं मिला। बीती सायं राधिका की हालत बिगड़ गई और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उपचार के लिए परिजन स्थानीय डॉक्टरों के पास पहुंचे तो उन्होंने राधिका को उच्चतर अस्पताल ले जाने को कह दिया। रविवार को मौके पर एंबुलेंस की व्यवस्था में देरी होने के चलते प्रमोद अपनी बेटी की हालत को देखते हुए अपनी पत्नी के साथ बाइक पर ही अपनी बेटी को लेकर तिरवा मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां इमरजेंसी में उपचार के दौरान राधिका ने रविवार की सुबह दम तोड़ दिया।

राधिका की मौत पर जहां मौके पर मौजूद माता-पिता का हाल बेहाल हो गया था, वहीं अपनी बेटी के शव को गोद में लेकर बैठी मां तड़पती और विलाप करती हुई नजर आ रही थी। वहीं, राधिका की मौत की खबर गांव पहुंची तो परिवार में मौजूद अन्य बहनों और परिजनों में भी शोक का माहौल छा गया।

बुखार के कहर से जान गंवा चुकी बेटी की खुशियों की हसरतें आखिर अधूरी रह गईं, ये सोचकर माता-पिता की आंखें लगातार नम नजर आ रही थीं।

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