
Gursahaiganj, Kannauj : पुलिस को देखकर नदी में कूदे किशोर का 20वें दिन भी कोई सुराग न मिलने पर रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया और एसडीआरएफ की टीम वापस लौट गई। इस खबर से परिजनों में मायूसी छा गई और उनका रो-रोकर बुरा हाल है। सुरक्षा के लिए पुलिस अभी भी गांव में तैनात है।
कोतवाली क्षेत्र के चौकी जसोदा के गांव देवीपुरवा निवासी किशनपाल के खिलाफ युवती को ले जाने का मुकदमा दर्ज था। 12 अक्टूबर को नौरंगपुर चौकी पुलिस ने उसके घर दबिश दी थी। घर पर न मिलने पर पुलिस खेत में गई, जहां पुलिस को देखकर छोटा भाई धर्मवीर नदी में कूद गया। इसके बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। डीआईजी हरिश्चंद्र, मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और एसडीआरएफ की टीम बुलाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया।
इस घटना से व्यथित किशोर की मां अमरवती ने भी नदी में कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था, जो असफल रहा। मंत्री असीम अरुण ने परिजनों को सभी सरकारी सहायता देने का आश्वासन दिया। घटना में गुरसहायगंज कोतवाल आलोक दुबे और नौरंगपुर चौकी प्रभारी हरीश कुमार सहित एक सिपाही को निलंबित किया गया था।
20 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई सफलता न मिलने पर इसे बंद कर दिया गया। परिजन कोई अनहोनी न करें, इसलिए गांव में पुलिस तैनात है। जसोदा चौकी प्रभारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया है और सुरक्षा के लिए पुलिस मौजूद है।
प्रधान शारदा देवी ने कहा कि मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार अधिकतर सरकारी सहायता परिजनों को उपलब्ध करा दी गई है, बाकी के लिए कार्रवाई जारी है और जल्दी पूरा कर दिया जाएगा।
उधर, 20 दिन बीत जाने के बावजूद किशोर के न मिलने से उसकी मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।










