Kannauj : आनंदेश्वर धाम में श्रीमद्भागवत कथा का विश्राम दिवस, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

Kannauj : आनंदेश्वर धाम में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। कथा व्यास पूज्य शिवम् शुक्ल महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के 16108 विवाहों की पावन कथा सुनाकर भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह रुक्मणि के साथ हुआ, जिन्हें श्रीकृष्ण ने रुक्मी के विरोध के बावजूद हरण कर द्वारिका ले जाकर विवाह किया।इसके बाद भगवान ने जामवंत की पुत्री जांबवती, राजा सत्राजित की पुत्री सत्यभामा, यमुना तट पर तपस्या करती कालिंदी, मित्रवृंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा से विवाह किया।

यही आठ भगवान की मुख्य पटरानियां मानी जाती हैं। महाराज ने बताया कि भगवान ने भोमासुर की कैद से 16100 कन्याओं को मुक्त कर उनसे विवाह कर लिया।कथा में सुदामा चरित्र का भी मार्मिक वर्णन हुआ, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अपने निर्धन बालमित्र सुदामा के प्रति अटूट स्नेह और उदारता दिखाई। पूज्य महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति निर्मल भाव से भगवान से संबंध बनाता है, भगवान उसे सब कुछ प्रदान करते हैं। कथा के विश्राम दिवस पर 51 ब्रह्मचारी बालकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया और विशिष्ट भक्तों को उत्तरीय पहनाकर सम्मानित किया गया।

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