
कन्नौज। जिला अस्पताल की महिला विंग में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हकीकत सरकार के दावों की पोल खोल रही है। करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुआ यह महिला अस्पताल आज खुद बदहाली का शिकार है। न तो यहाँ पर्याप्त सुविधाएं हैं, न ही मरीजों के लिए समुचित देखभाल की व्यवस्था।
ग्रामीण इलाकों से इलाज कराने आईं महिलाएं अव्यवस्था और स्टाफ की लापरवाही से परेशान हैं। मरीजों का कहना है कि गंभीर स्थिति में भी उन्हें भर्ती नहीं किया जाता। अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही और असंवेदनशील व्यवहार के आरोप लगाए जा रहे हैं।
पीड़िता की सास अंजुम ने बताया कि मैं अपनी बहू को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल लाई थी, लेकिन डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया।वह बोले कहीं और ले जाओ, हम कोई जिम्मेदारी नहीं लेंगे।इस तरह की घटनाओं से महिला मरीजों में भय और नाराज़गी दोनों देखने को मिल रही हैं। अव्यवस्था और असुविधा के कारण कई मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि करोड़ों के बजट के बावजूद महिला विंग में न तो दवाओं की उपलब्धता है, न ही सफाई व्यवस्था का हाल संतोषजनक है। संयुक्त जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. शक्ति बसु ने मामले पर अपना पक्ष रखते हुए बताया कि डॉक्टरों से जानकारी करने पर पता चला कि संबंधित महिला अपने मरीज को भर्ती कराने से पहले गारंटी मांग रही थीं। हमने कहा कि पहले मरीज को भर्ती कराओ, लेकिन वह नहीं माने और अपनी मर्जी से मरीज को लेकर चले गए।
हालांकि मरीजों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन को पहले मरीज की हालत देखकर प्राथमिकता देनी चाहिए थी, न कि कागजी औपचारिकताओं में उलझना चाहिए था।
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