
- मामला कन्नौज जिले के तिर्वा कोतवाली के तिर्वा नगर स्थित बिजली घर के निकट के.वी हॉस्पिटल का
- विवाद के बाद हॉस्पिटल मैनेजमेंट और परिजनों में समझौते में कथित रकम मिलने के बाद परिजनों ने नहीं की पुलिस कार्यवाही
कन्नौज। जिले में राजनैतिक सांठ गांठ करके और विभागीय अधिकारियों को खुश रखकर अवैध रूप से संचालित होने वाले मधुमक्खी के छत्ते की तरह खुले अवैध हॉस्पिटल लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं।खास बात यह है कि, मामला बिगड़ने पर कार्यवाही होती जरूर है, पर कुछ समय बाद स्थित फिर वहीं हो जाती है और एक बार फिर शुरू हो जाता है अवैध कारोबार का सिलसिला।
जिले के कई अवैध अस्पतालों द्वारा अब तक कई जानों से खिलवाड़ के बाद भी अभी तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा सका है।शनिवार को ऐसा ही एक मामला जिले के तिर्वा नगर में सामने आया।बताते चलें कि, तिर्वा नगर के तिर्वा कन्नौज मार्ग पर बिजली घर के निकट के.वी हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर के नाम से एक हॉस्पिटल संचालित है। यहां एक महिला की उपचार के दौरान मौत होने के बाद परिजनों ने हंगामा काटा। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग की टीम के मामला संभालने के बाद हॉस्पिटल शील कर दिया गया, वहीं मृतिका के परिजनों द्वारा उपरोक्त हॉस्पिटल के मैनेजमेंट से कथित धनराशि मिलने के बाद समझौता होने के चलते पुलिस कार्यवाही से इंकार कर दिया गया।
बताते चलें कि, औरैया जिले के थाना फफूंद क्षेत्र के खकीपुर गांव निवासी दिनेश चंद्र की 42 वर्षीय पत्नी गीता देवी बीते कुछ समय से बीमार थीं। शुक्रवार को परिजनों द्वारा गीता को उपचार हेतु उपरोक्त हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। यही उपचार के दौरान गीता की शनिवार को मौत हो गई।महिला की मौत की खबर पर हॉस्पिटल में मौजूद परिजनों ने हॉस्पिटल के डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर महिला की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया।
मामले की जानकारी जब तिर्वा एसडीएम अशोक कुमार, सीओ प्रियंका बाजपेई, कोतवाली प्रभारी वीरेंद्र विक्रम सिंह, कस्बा प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह को दी गई तो अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गये।हंगामा कर रहे परिजनों का शांत करने के अलावा स्थित को नियंत्रण में किया गया।मौके पर मौजूद एसडीएम द्वारा जब हॉस्पिटल के डाक्टर से हॉस्पिटल के कागजात और रजिस्ट्रेशन चेक किया गया, तो अधिकारियों को नहीं मिला।
इसके बाद एसडीएम द्वारा मामले की जानकारी से सीएमओ को अवगत कराया गया। जिसके बाद अपर सीएमओ डा. के .पी त्रिपाठी, तिर्वा स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी राजन शर्मा, अपर शोध अधिकारी वाई के मंजुल, मलेरिया इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह की टीम मौके पर पहुंची। यहां अधिकारियों की पूंछ तांछ में अस्पताल के संचालन से लेकर रजिस्ट्रेशन आदि की जानकारी नहीं मिली। इसको लेकर अधिकारियों ने हॉस्पिटल को अवैध पाते हुये सील करते हुये तालाबंदी की कार्यवाही कर दी।
उधर दूसरी ओर मृतिका के परिजनों का हॉस्पिटल के मैनेजमेंट और डाक्टर से कथित समझौता होने की बात सामने आई है, जिसके चलते परिजनों ने मामले में पुलिस कार्यवाही करने से मना कर दिया। महिला के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम हेतु भेजा है। पूरे घटनाक्रम के दौरान दोपहर को हॉस्पिटल के निकट बड़ी संख्या में भीड़ जुटी रही।
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