
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को सर्वसम्मति से विपक्ष का साझा उम्मीदवार चुना गया है। इस बात की जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दी।
खरगे ने कहा, “जस्टिस रेड्डी न केवल देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं, बल्कि उन्होंने अपने न्यायिक करियर में हमेशा संविधान और आम जनता के अधिकारों की रक्षा की है।”
कैसे हुआ फैसला?
उम्मीदवार के नाम पर निर्णय लेने के लिए विपक्षी दलों की अहम बैठक दिल्ली स्थित 10, राजाजी मार्ग पर हुई, जिसमें गठबंधन के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। चर्चा के बाद सभी दलों ने बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर एकमत सहमति जताई। अब वे 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे।
कौन हैं जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी?
- जन्म: 8 जुलाई 1946
- शैक्षणिक योग्यता: बीए, एलएलबी
- वकालत की शुरुआत: 27 दिसंबर 1971, आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में पंजीकरण
- मुख्य क्षेत्र: रिट याचिकाएं, सिविल मामले
- सरकारी भूमिका:
- 1988-90 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सरकारी वकील
- केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील
- उस्मानिया विश्वविद्यालय के लिए कानूनी सलाहकार
- न्यायिक पद:
- 2 मई 1995 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने
- 2005 में गौहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए
- 2007 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने
- 2011 में सेवानिवृत्त हुए
खास बातें और योगदान
जस्टिस रेड्डी को उनके साहसी और संवेदनशील फैसलों के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के पक्ष में कई ऐतिहासिक निर्णय दिए। मल्लिकार्जुन खरगे के अनुसार, “वे हमेशा वंचितों और गरीबों की आवाज बने और संविधान के मूल मूल्यों की रक्षा करते रहे।”
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