
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने जा रहे हैं। वे 14 मई को भारत के 52वें CJI के रूप में शपथ लेंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और उन्होंने परंपरा के अनुसार जस्टिस गवई के नाम की सिफारिश की थी।
देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे गवई
जस्टिस गवई भारत के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे। उनसे पहले जस्टिस के.जी. बालाकृष्णन ने जनवरी 2007 से मई 2010 तक यह पद संभाला था। यह नियुक्ति सामाजिक प्रतिनिधित्व और न्यायपालिका में विविधता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
कौन हैं जस्टिस बी.आर. गवई?
- जन्म: 24 नवंबर, 1960, अमरावती, महाराष्ट्र
- पिता: आर. एस. गवई – बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल
- वकालत की शुरुआत: 1985
- बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस: 1987–1990
- सरकारी वकील नियुक्त: 1992, नागपुर पीठ
- हाई कोर्ट जज नियुक्ति: 2003 (अतिरिक्त), 2005 (स्थायी)
- सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति: 24 मई, 2019
जस्टिस गवई 23 नवंबर, 2025 तक इस पद पर रहेंगे, यानी उनका कार्यकाल लगभग 6 महीने का होगा।
न्यायिक करियर और प्रमुख फैसले
जस्टिस गवई 600 से अधिक फैसलों में शामिल रहे हैं और उन्होंने 200 से ज्यादा पीठों का हिस्सा बनकर अहम निर्णय दिए हैं। उनके कुछ महत्वपूर्ण निर्णय:
- बुलडोजर कार्रवाई पर टिप्पणी: केवल आरोपी होने भर से संपत्ति तोड़ने को असंवैधानिक करार दिया।
- अनुच्छेद 370: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हटाने पर सुनवाई करने वाली पीठ में शामिल रहे।
- ओबीसी में सब-कोटा, दिल्ली शराब नीति, चुनावी बॉन्ड, और नोटबंदी जैसे मामलों में अहम भूमिका निभाई।
CJI की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है?
भारत में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति परंपरागत रूप से वरिष्ठता के आधार पर होती है:
- वर्तमान CJI कानून मंत्री को अगली नियुक्ति के लिए नाम सुझाते हैं।
- मंत्रालय वह नाम प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति को भेजता है।
- राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नियुक्ति औपचारिक रूप से घोषित की जाती है।
जस्टिस गवई फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं, इसलिए उनका नाम तय माना जा रहा था।