
योग का अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक प्राकृतिक तरीका है। भुजंगासन, जिसे ‘कोबरा पोज़’ भी कहा जाता है, एक ऐसा आसन है जो शरीर को ताकत और लचीलापन प्रदान करता है। इसे सांप की मुद्रा से लिया गया है, जिसमें पीठ को ऊपर उठाते हुए सीने को बाहर किया जाता है। भुजंगासन के नियमित अभ्यास से कई फायदे होते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक दोनों लाभ शामिल हैं। आइए जानें इसके पांच प्रमुख फायदे:
1. रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है
भुजंगासन रीढ़ की हड्डी और पीठ की मांसपेशियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह आसन पीठ को खींचता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है और दर्द में राहत मिलती है। जो लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं, उन्हें पीठ दर्द की समस्या होती है, इस स्थिति में भुजंगासन एक अच्छा समाधान है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मदद करता है और शरीर को सही मुद्रा में रखता है।
2. पाचन तंत्र को बेहतर करता है
भुजंगासन का अभ्यास पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है। जब आप पेट के बल लेटकर यह आसन करते हैं, तो पेट और पाचन अंगों पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन क्रिया तेज होती है। यह कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। नियमित रूप से भुजंगासन करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और भोजन पचाने की प्रक्रिया बेहतर होती है।
3. तनाव और थकान को दूर करता है
भुजंगासन करने से छाती खुलती है और श्वास की प्रक्रिया में सुधार होता है। इससे फेफड़ों को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है, जो तनाव, चिंता और थकान को कम करती है। यह आसन मानसिक शांति प्रदान करता है और अवसाद (डिप्रेशन) से लडऩे में भी सहायक है। रोजाना कुछ मिनट इसका अभ्यास आपको तरोताजा और ऊर्जा से भरपूर महसूस कराएगा।
4. कंधों और सीने को मजबूती देता है
लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठने से कंधे और सीने में झुकाव आ सकता है। भुजंगासन इन हिस्सों को खोलता है और मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह कंधों के दर्द को कम करता है और सीने को चौड़ा बनाता है, जिससे आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो ऑफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं।
5. पीरियड्स के दर्द में राहत देता है
महिलाओं के लिए भुजंगासन विशेष रूप से फायदेमंद है। यह आसन पेट के निचले हिस्से और कमर पर हल्का खिंचाव डालता है, जिससे पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन और दर्द में राहत मिलती है। साथ ही, यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, जिससे मूड स्विंग्स की समस्या भी कम होती है।
भुजंगासन कैसे करें?
- सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और हथेलियों को कंधों के नीचे रखें।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए सीने को ऊपर उठाएं, जैसे सांप अपनी पीठ को ऊपर उठाता है।
- अपनी गर्दन और सिर को सीधा रखते हुए आगे की तरफ देखें।
- इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रुकें।
- फिर धीरे-धीरे नीचे आएं और इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराएं।