
Ranchi : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की धमक के बीच विपक्षी महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) को बड़ा झटका लगा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM ने राष्ट्रीय जनता दल RJD और कांग्रेस पर धोखा देने का गंभीर आरोप लगाते हुए गठबंधन से नाता तोड़ लिया है। JMM अब बिहार की छह विधानसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से उम्मीदवार उतारेगी, और पार्टी ने संकेत दिए हैं कि यह संख्या 10 तक बढ़ सकती है। यह फैसला नामांकन की अंतिम घड़ी में आया है, जब महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है।
JMM के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रांची स्थित पार्टी मुख्यालय में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी औपचारिक घोषणा की। उन्होंने कहा, RJD ने बार-बार आश्वासन देकर हमें ठगा। हमने झारखंड में हमेशा उनका सम्मान किया, लेकिन बिहार में हमें लगातार इंतजार की सलाह दी गई। JMM सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है, लेकिन सम्मान पर समझौता नहीं। भट्टाचार्य ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने महागठबंधन में 12 सीटों की मांग की थी, जो 14 अक्टूबर तक पूरी न होने पर स्वतंत्र फैसला ले लिया गया।
चुनौतीपूर्ण सीटों पर दांव: आदिवासी-दलित बाहुल्य इलाकों में मजबूत आधार
JMM ने जिन छह सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है, वे बिहार के सीमावर्ती और आदिवासी-प्रभावित इलाकों में स्थित हैं। इनमें शामिल हैं:
- चकाई (जमुई जिला): पिछड़े इलाके में JMM का पारंपरिक प्रभाव।
- धमदाहा (पूर्णिया जिला): सीमांचल क्षेत्र, जहां अल्पसंख्यक वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
- कटोरिया (बांका जिला): अनुसूचित जनजाति ST आरक्षित सीट, जहां JMM के कार्यकर्ता लंबे समय से सक्रिय हैं।
- मनिहारी (कहलगांव जिला): ST आरक्षित, झारखंड सीमा से सटा इलाका।
- जमुई (जमुई जिला): आदिवासी बाहुल्य, जहां JMM ने पिछले चुनावों में NDA के खिलाफ संघर्ष किया।
- पीरपैंती (भागलपुर जिला): अनुसूचित जाति SC आरक्षित सीट, दलित वोटरों का मजबूत आधार।
भट्टाचार्य ने दावा किया कि इन सीटों पर JMM का मजबूत संगठन है और पार्टी NDA JDU-BJP के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा, ये सीटें ऐसी हैं जहां हमारे कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं। हम बहुकोणीय लड़ाई लड़ेंगे और ऐसी स्थिति बनाएंगे कि बिना JMM के कोई सरकार न बना सके। पार्टी सूत्रों के अनुसार, ये सीटें पहले चरण 6 नवंबर और दूसरे चरण 11 नवंबर में आती हैं, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
झारखंड में दिया सम्मान, बिहार में मिला धोखा: JMM का पुराना हिसाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भट्टाचार्य ने RJD को ‘धोखेबाज’ करार देते हुए झारखंड में दिए गए सम्मान का जिक्र किया। उन्होंने बताया:
2019 झारखंड विधानसभा चुनाव: JMM ने RJD को 7 सीटें दीं। इनमें से एकमात्र विजयी उम्मीदवार सत्यानंद भोक्ता को 5 साल तक कैबिनेट मंत्री बनाए रखा गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मान दिया और हर प्रमुख कार्यक्रम में महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया।
2024 झारखंड चुनाव: RJD को 6 सीटें आवंटित की गईं, जिनमें से 4 पर जीत हासिल हुई। विजयी उम्मीदवारों में से एक को महत्वपूर्ण विभाग के साथ कैबिनेट मंत्री पद दिया गया।
भट्टाचार्य ने तंज कसते हुए कहा, झारखंड में हमने RJD को पूरा सम्मान दिया, लेकिन बिहार में हमें बार-बार इंतजार करने को कहा गया। गुरुजी शिबू सोरेन के आदर्श हमें सिखाते हैं सबका सम्मान करो, लेकिन सम्मान से खिलवाड़ करने वालों से संघर्ष करो। JMM नेता ने कांग्रेस हाईकमान को भी निशाने पर लिया, कहा कि उन्होंने RJD के माध्यम से मांगें पहुंचाईं, लेकिन कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली।
बिहार चुनाव के बाद झारखंड गठबंधन की होगी कठोर समीक्षा
JMM ने साफ संकेत दिए हैं कि बिहार चुनाव परिणाम के बाद झारखंड में इंडिया गठबंधन की समीक्षा की जाएगी। भट्टाचार्य ने कहा, हमने हमेशा इंडिया ब्लॉक का साथ दिया, लेकिन बिहार में सम्मान की ठेस पहुंची है। चुनाव के बाद झारखंड में गठबंधन पर पुनर्विचार होगा। यह बयान JMM अध्यक्ष और झारखंड CM हेमंत सोरेन की चेतावनी से जुड़ता है, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि गठबंधन में ‘परस्पर सम्मान’ जरूरी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम झारखंड की आगामी राजनीति को प्रभावित कर सकता है, जहां JMM सत्ता में है।
20 स्टार प्रचारक उतरेंगे मैदान में: हेमंत-कल्पना लीड करेंगे
JMM ने बिहार चुनाव के लिए 20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है, जिसकी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गई है। इस सूची में प्रमुख नाम हैं:
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (लीडर)
- विधायक कल्पना सोरेन
- बंसत सोरेन
- प्रो. स्टीफन मरांडी
- मो. ताजुद्दीन
- उदय शंकर सिंह
- हेमलाल मुर्मू
- मंत्री दीपक बिरुआ
- सुदिव्य कुमार सोनू
- हफीजुल अंसारी
- सांसद विजय हांसदा
- सुप्रियो भट्टाचार्य
- विनोद कुमार पांडेय
- अभिषेक प्रसाद पिंटू
- फागू बेसरा
- पंकज मिश्रा
- सुनील श्रीवास्तव
ये प्रचारक विशेष रूप से सीमांचल, भागलपुर और पूर्णिया जैसे इलाकों में सक्रिय होंगे, जहां JMM का आदिवासी-मुस्लिम वोट बैंक मजबूत है। भट्टाचार्य ने कहा, भले ही JMM बिहार में मान्यता प्राप्त पार्टी न हो, लेकिन हम मजबूती से लड़ेंगे। हमारा लक्ष्य बिहार में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना है।
महागठबंधन में बढ़ती दरारें: पप्पू यादव की चेतावनी, BJP का तंज
JMM के इस फैसले से महागठबंधन में दरारें और गहरी हो गई हैं। कांग्रेस और RJD के बीच पहले से ही 7 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ चल रही है, जैसे लालगंज जहां RJD ने बहुबली नेता मुनना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को टिकट दिया, जबकि कांग्रेस ने आदित्य कुमार राजा को। स्वतंत्र सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा, कहा, गठबंधन को तोड़ने की साजिश हो रही है। पुराने सहयोगियों जैसे कांग्रेस और JMM का सम्मान करें, वरना बिहार हरियाणा जैसी अराजकता में फंस जाएगा।
दूसरी ओर, BJP ने इस संकट का फायदा उठाया। IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर तंज कसा, राहुल और तेजस्वी की अहंकारी राजनीति ने महागठबंधन तोड़ दिया। बिहार बच गया! BJP सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, कांग्रेस, RJD और JMM जैसी पार्टियां परिवारवाद से ग्रस्त हैं, इनका गठबंधन कभी मजबूत नहीं हो सकता। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी टिप्पणी की, अब असली मुकाबला NDA और जन सुराज के बीच है।
विश्लेषकों का कहना है कि JMM का स्वतंत्र उतरना विपक्षी वोटों को बांट सकता है, खासकर आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्रों में। NDA ने सीट बंटवारा पूरा कर लिया है, जबकि महागठबंधन अभी असमंजस में है। बिहार की 243 सीटों पर यह चुनाव NDA की सत्ता टिकाने और विपक्ष की साख बचाने की जंग साबित हो रहा है। JMM का अगला कदम और महागठबंधन की एकजुटता पर सबकी नजरें टिकी हैं।