
New Delhi : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बुधवार को महाराष्ट्र के सांसदों के साथ “पार्लियामेंटेरियन्स चैम्पियनिंग ए टीबी मुक्त भारत” के तहत बैठक की। यह बैठक संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान नई महाराष्ट्र सदन के प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित हुई, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य टीबी-मुक्त भारत अभियान को गति देना और सांसदों की भूमिका को और मजबूत करना था।
जेपी नड्डा ने भारत की टीबी उन्मूलन यात्रा में हासिल हुई प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि 2015 से 2024 के बीच भारत ने टीबी मामलों में 21 प्रतिशत की कमी दर्ज की है, जो वैश्विक औसत की तुलना में लगभग दोगुनी है। उन्होंने बताया कि भारत में टीबी उपचार सफलता दर 90 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि वैश्विक औसत 88 प्रतिशत है।
उन्होंने महाराष्ट्र को टीबी-मुक्त भारत अभियान में अग्रणी राज्य बताते हुए सांसदों के योगदान की सराहना की।
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कहा कि एआई-सक्षम हैंड-हेल्ड एक्स-रे मशीनों और ट्रूनैट तकनीक ने टीबी की जांच को तेज, सटीक और अधिक सुलभ बनाया है। उन्होंने बताया कि अब देश में संवेदनशील और पिछड़े वर्गों को प्राथमिकता के आधार पर चिह्नित कर उनकी स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जा रही है।
नड्डा ने निक्षय मित्रों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया, जो टीबी मरीजों के सहयोगी के रूप में अभियान को मजबूत बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की मदद से मरीजों की पोषाहार और अन्य आवश्यक जरूरतें पूरी कर रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जन भागीदारी यानी जनता की सक्रिय भागीदारी टीबी उन्मूलन मिशन की आधारशिला है।
महाराष्ट्र के सांसदों ने बैठक में टीबी-मुक्त भारत मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और जन-जागरूकता, सामुदायिक निगरानी और स्थानीय स्तर पर सक्रिय भागीदारी के माध्यम से इस अभियान को और तेज करने का संकल्प व्यक्त किया।















