
जोधपुर : गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में खेजड़ली महाबलिदान स्मृति उद्यान की स्थापना की गई है। इस उद्यान में 363 खेजड़ली के पौधे लगाए गए हैं। यह ऐतिहासिक पौधारोपण कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हीरक जयंती जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस महाआयोजन के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई रहे। विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ. वंदना बिश्नोई व कुलसचिव डॉ. विजय कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री के जन्मदिन के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के सौजन्य से भारतीय पुनर्जागरण में एक दशक का अद्भुत अविस्मरणीय योगदान : भारत के वैश्विक शक्ति बनने की यात्रा (विकसित भारत की ओर बढ़ते कदम) विषय पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने संबोधन में कहा कि खेजड़ली महाबलिदान 1730 में माता अमृतादेवी के नेतृत्व में जोधपुर जिले के खेजड़ली गांव के पास वृक्षों को बचाने के लिए दिया गया था। यह महाबलिदान पेड़ों को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी दुनिया में एक अद्भुत और अविस्मरणीय उदाहरण है। खेजड़ली के पेड़ को कल्पवृक्ष कहा जाता है। इसके पत्ते जहां प्रोटीन देते हैं, वहीं इसकी जड़ें नाइट्रोजन प्रदान करती हैं। यह एक ऐसा पेड़ है जिसके नीचे कोई भी फसल पैदा हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मोत्सव पर खेजड़ली महाबलिदान स्मृति उद्यान की स्थापना कर गुजविप्रौवि गौरवान्वित हुआ है। गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के सिद्धांतों पर चलते हुए गुजविप्रौवि पर्यावरण संरक्षण के लिए अग्रणी कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना के समय परिसर में केवल 18 पेड़ थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 65,000 हो चुकी है और हर साल 4,000 से 5,000 नए पेड़ लगाए जा रहे हैं।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि विश्वविद्यालय ने प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री द्वारा किए गए महान कार्यों से संबंधित मॉडल और प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, जल जीवन मिशन तथा डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएं शुरू कीं। नोटबंदी, जीएसटी, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और पीएलआई स्कीम जैसी पहलों से वित्तीय और आर्थिक सुधार हुए तथा देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा। देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई। विश्वविद्यालय, एम्स, आईआईटी तथा आईआईएम का विस्तार किया गया, जिससे शिक्षा को बढ़ावा मिला और युवाओं को रोजगार मिला।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर, योगा को वैश्विक पहचान दिलाना तथा भारतीय भाषाओं और परंपराओं का पुनर्जागरण कर देश की संस्कृति और आस्था को नया आयाम दिया गया। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार साबित हुए। आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों का निर्माण किया गया। वैश्विक स्तर पर नेतृत्व कर भारत को विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर किया गया।
विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए स्वदेशी उत्पादों पर बल, ग्रीन एनर्जी मिशन, भारत को वैश्विक डिजिटल शक्ति बनाने, महिला आरक्षण बिल और लखपति दीदी जैसी नारी सशक्तिकरण योजनाएं भी शुरू की गईं।
डॉ. वंदना बिश्नोई ने विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के बच्चों के साथ खेजड़ली महाबलिदान स्मृति उद्यान में पौधारोपण किया।
वाणिज्य विभाग की अध्यक्षा डॉ. निधि तुरान ने बताया कि प्रदर्शनी में राम मंदिर मॉडल के अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, नोटबंदी, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान और विकसित भारत आदि विषयों पर मॉडल प्रदर्शित किए गए। यह प्रदर्शनी विकसित भारत @2047 के माननीय प्रधानमंत्री के संकल्प को समर्पित है।
विशिष्ट विभूतियों ने किया पौधारोपण:
बागवानी विभाग के निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी ने बताया कि खेजड़ली महाबलिदान स्मृति उद्यान में हिसार और आस-पास क्षेत्र की विभिन्न विशिष्ट हस्तियों, समाजसेवियों एवं सामाजिक व धार्मिक विभूतियों द्वारा भी पौधे रोपे गए। पौधारोपण करने वालों में रोहतास बिरथल, भूपिंद्र, अनिल गोयल, सुरेंद्र लोहरिया, डॉ. के.सी. अरोड़ा, ईश आर्य, देवेंद्र उप्पल, राकेश अग्रवाल, कमल सराफ, अनीता, अन्नू चेनिया, मनीष गोयल, जगदीप भार्गव, पुनीत और सतीश शामिल रहे। पौधारोपण विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई और बागवानी विभाग के सौजन्य से किया गया।
इस अवसर पर संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।