
पटियाला जिले में आयोजित शिक्षा क्रांति समागम के दौरान पूर्व मंत्री और विधायक चेतन सिंह जौड़ामाजरा के द्वारा शिक्षकों के प्रति की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने स्कूल कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों की अनुशासनहीनता पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा।
जौड़ामाजरा ने कहा था कि कुछ शिक्षक कार्यक्रम में अनुपस्थित थे और स्कूल में अनुशासन की कमी थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई शिक्षक कार्यक्रम के दौरान अंदर बैठे रहे जबकि बाहरी लोग स्कूल में घूम रहे थे। इस पर उन्होंने सीएम भगवंत मान से शिकायत करने की धमकी भी दी थी।
यह टिप्पणी विपक्ष और उनकी अपनी पार्टी के नेताओं द्वारा भी कड़ी आलोचना का शिकार हुई। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इसे गलत बताते हुए कहा कि शिक्षकों का सम्मान हमारी प्राथमिकता है और ऐसी टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के लिए सहयोगात्मक और सुदृढ़ वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी बीच, विधायक जौड़ामाजरा ने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगी है। उन्होंने कहा, “शिक्षक हमारे गुरु होते हैं, और यदि मेरी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी चाहता हूं।”
इस मुद्दे के बाद शिक्षकों के बीच चर्चा का दौर चल पड़ा है, और अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या कार्यक्रमों में इस तरह की अनुशासनहीनता को इस तरीके से सार्वजनिक रूप से उजागर करना सही था या नहीं।