
लखनऊ। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जितेंद्र नारायण सिंह पूर्व सैय्यद वसीम रिजवी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्डो के लिए बनाए गए उम्मीद पोर्टल पर शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुतावाल्ली वक्फ संपत्ति के साथ-साथ दूसरों की निजी संपत्तियां भी अवैध रूप से वक्फ दर्ज कर रहें, जिसमें हिंदुओं की बेनामी संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है , उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड कट्टरपंथी मुल्लाओं के गुलाम है, वक्फ अधिनियम संशोधन 2025 पूरे भारत में लागू हो चुका है और संशोधन में स्पष्ट लिखा है कि संशोधन 2025 लागू होने के बाद पूर्व मे गठित किए गए वक्फ बोर्ड में सिर्फ निर्वाचित सदस्य अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा करेंगे। इस से यह स्पष्ट है कि वक्फ अधिनियम में हुए 2025 संशोधन के बाद नामित किए गए सदस्यों की सदस्यता शून्य हो गई है। नामित सदस्यों की जो व्यवस्था संशोधन 2025 में सुनिश्चित की गई है संशोधन के लागू होने के बाद सभी वक्फ बोर्ड में नई व्यवस्था के अनुसार सदस्य नामित किए जाने चाहिए वहीं पूर्व नामित सदस्यों को इस संशोधन के बाद बोर्ड में कार्य करने का कोई भी अधिकार प्राप्त नहीं है।
इस संबंध में जिंतेंद्र नारायण सिंह ने एक पत्र शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को भेजा है कि बिना सरकार की अनुमति के पूर्व नामित सदस्यों कोई भी आदेश निर्देश वक्फ बोर्ड की मीटिंग किया जाना गैर कानूनी होगा,लेकिन उन्होंने बताया कि मेरे संज्ञान में आया है कि 13 अक्टूबर को शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में बोर्ड की बैठक होने जा रही है, इसमें वह नामित सदस्य जो वर्ष 2021 में नामित किए गए थे शामिल हो रहे हैं, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष स्वयं खुद भी है शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में वर्ष 2021 में नामित किए गए सदस्य है, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में वर्तमान में मात्र एक बेगम नूर बानो रामपुर निर्वाचित सदस्य है इनके अतिरिक्त शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश मे बोर्ड के अध्यक्ष सहित सभी सदस्य की सदस्यता वक्फ अधिनियम में संशोधन 2025 होने के पश्चात समाप्त हो चुकी है।
आपको बताते चलें की उन्होंने उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग को इस मामले को संज्ञान में लेने की गुहार लगाई है। इस पूरे मामले को लेकर जीतेन्द्र नारायण ने मुख्यमंत्री तथा अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है।

