
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सासाराम से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। झारखंड पुलिस ने 20 वर्ष पुराने एक मामले में साह को गिरफ्तार किया है, जिसे राजद ने राजनीतिक साजिश करार दिया है। इससे गठबंधन में पहले से ही मौजूद खटास और गहरी हो गई है।
राजद ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जाहिर की है। 20 अक्टूबर को सत्येंद्र साह ने सासाराम विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिए गए। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद झारखंड पुलिस की टीम ने गैर जमानती वारंट के आधार पर उन्हें हिरासत में ले लिया।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, साह के खिलाफ लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट के मामलों के कई मामले दर्ज हैं। इस घटना को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राजद के बीच बढ़ती खटास से जोड़ा जा रहा है। बिहार चुनाव में सीट बंटवारे में सहमति न बन पाने के कारण झामुमो ने सोमवार को ही महागठबंधन से अलग हो गया था।
झामुमो के वरिष्ठ नेता सुदिव्य कुमार ने राजद और कांग्रेस पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें धोखा दिया गया है। उन्होंने कहा कि छह सीटों पर उनका दावा था, लेकिन नजरअंदाज कर दिया गया। झामुमो ने चकाई, धमदाहा, कटोरिया, मनिहारी, जमुई और पीरपैंती जैसी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई थी, लेकिन अंतिम समय में पार्टी पीछे हट गई। इस घटनाक्रम से सीट बंटवारे में झामुमो को महसूस हुई उपेक्षा से खटास और बढ़ गई है।
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के बाद झामुमो में गठबंधन की समीक्षा का दबाव बढ़ रहा है। पार्टी ने भी कहा है कि झारखंड में जारी गठबंधन की समीक्षा की जाएगी। इस पर राजद ने संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए हेमंत सोरेन की सराहना की है, वहीं कांग्रेस नेताओं की चुप्पी देखी जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि ऐसे निर्णय आलाकमान लेता है, प्रदेश स्तर पर इस पर प्रतिक्रिया देना उपयुक्त नहीं है।
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