
Month, Jhansi : शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ एवं ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन, मोंठ ने ग्रामीण स्तर पर कार्यरत सचिवों की समस्याओं को लेकर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन को एक संक्षिप्त ज्ञापन भेजा है। संगठन ने कहा कि सचिव संवर्ग पर बिना संसाधन उपलब्ध कराए अत्यधिक कार्यभार डाला जा रहा है, जिससे उनके मूल दायित्व प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है।
ज्ञापन में बताया गया कि सचिवों से ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य किए जाने का निर्णय अव्यवहारिक है, क्योंकि वे लगातार फील्ड में गतिशील रहते हैं। साथ ही पंचायत खातों की देखरेख, भुगतान प्रक्रिया, आईजीआरएस निस्तारण, पेंशन सत्यापन जैसे मूल कार्यों के अलावा उन्हें विभिन्न विभागों के कई अतिरिक्त कार्य भी सौंप दिए गए हैं, जिससे मानसिक दबाव बढ़ रहा है।
संगठन ने वाहन भत्ता, मोबाइल भत्ता और सीयूजी सिम उपलब्ध कराने की मांग दोहराई। साथ ही सचिव संवर्ग की शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट से बढ़ाकर स्नातक किए जाने तथा पदोन्नति में समान वेतनमान लागू करने की बात कही। दूरस्थ जिलों में तैनाती से उत्पन्न व्यावहारिक समस्याओं को देखते हुए स्थानीय भाषा और परिस्थितियों के अनुरूप तैनाती देने की भी मांग उठाई गई।
मनरेगा कार्यों में एफटीओ जनरेट करने की समूची जिम्मेदारी सचिवों पर डालना अनुचित बताते हुए संगठन ने कहा कि जिम्मेदारी खंड विकास अधिकारी स्तर पर भी समान रूप से तय की जानी चाहिए।
संगठन ने मांग की कि आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाने तक ऑनलाइन उपस्थिति को स्थगित किया जाए तथा सचिव संवर्ग की समस्याओं पर शासन स्तर पर संवाद कर समाधान निकाला जाए।
खंड विकास अधिकारी राकेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि “विरोध प्रदर्शन समाप्त करा दिया गया है। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया, जिसे उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर अवगत कराया गया है। अधिकारियों के निर्देशानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।












