झाँसी। शहर में अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत नगर निगम की टीम जब देर शाम बिना पूर्व सूचना के इलाइट चौराहे से चित्रा रोड की ओर पहुंची, तो वहां मौजूद रेहड़ी-पटरी दुकानदारों ने जमकर विरोध किया। इस दौरान अशोक तिराहे पर एक दुकानदार नगर निगम की गाड़ी के आगे ही लेट गया और कार्यवाही को रोकने की कोशिश करने लगा।
बिना सूचना कार्रवाई का विरोध
स्थानीय दुकानदारों का आरोप है कि उन्हें न तो किसी प्रकार की कोई चेतावनी दी गई और न ही समय की जानकारी दी गई। उनका कहना है कि रात के समय दुकानों को हटाने का कोई औचित्य नहीं है, इससे उनकी रोज़ी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है।
गुमटी हटा रही थी टीम, गाड़ी के आगे लेट दुकानदार
मौके पर मौजूद नगर निगम टीम के कर्मचारी एक दुकानदार की गुमटी हटाने लगे, जिस पर वह सामने लेट गया और ज़िद पर अड़ गया कि उसका सामान उसके ऊपर से ही ले जाया जाए। काफी देर तक हंगामा चलता रहा, जिसके बाद उसे समझा-बुझाकर शांत किया गया।
नगर निगम का पक्ष:
उप नगर आयुक्त रॉली गुप्ता ने बताया कि यह कार्यवाही नो वेंडिंग ज़ोन में हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा, “नगर निगम ने जिन इलाकों को नो वेंडिंग ज़ोन घोषित किया है, वहां किसी भी तरह की अस्थायी दुकानें लगाने की अनुमति नहीं है। अभियान के तहत वहीं से अतिक्रमण हटाया जा रहा है।”
दुकानदारों की पीड़ा:
वहीं, रेहड़ी लगाने वाले दुकानदार अजय गौतम का कहना है कि, “हमें न तो कोई नोटिस दिया गया, न कोई समय तय किया गया। रात को अचानक दुकान हटाने पहुंच जाना अन्याय है। हम गरीब लोग हैं, हमारा सामान उठाकर ले जाना हमारी कमर तोड़ने जैसा है।”
इस घटना के बाद इलाइट चौराहे से लेकर चित्रा रोड तक का माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण रहा। मौके पर पुलिस भी तैनात की गई ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
नगर निगम की इस कार्यवाही से एक ओर जहां प्रशासन शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की कोशिश में जुटा है, वहीं दूसरी ओर गरीब दुकानदारों की रोज़ी-रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।