
Jhansi : साइबर ठगों के खिलाफ झाँसी पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। थाना प्रेमनगर पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो टेलीग्राम ऐप के माध्यम से निवेश (इनवेस्टमेंट) और पार्ट-टाइम जॉब का लालच देकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि इसका मास्टरमाइंड और एक अन्य आरोपी अब भी फरार हैं। आरोपियों के कब्जे से मोबाइल फोन, बैंक पासबुक और लगभग ₹24 लाख की ठगी का खुलासा हुआ है।
मुखबिर की सूचना पर हुई छापेमारी
प्रेमनगर पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ युवक रेल कोच फैक्ट्री के पास ऑनलाइन ठगी की योजना बना रहे हैं। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छापेमारी की और तीन युवकों देव सागर, अंकुश सेन और नीरज अहिरवार को मौके से गिरफ्तार कर लिया।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने इनके कब्जे से कई मोबाइल फोन, पासबुक, एटीएम कार्ड और अन्य डिजिटल डिवाइस बरामद किए, जिनसे ठगी के सबूत मिले।
टेलीग्राम ऐप बना ठगी का हथियार
सीओ सिटी लक्ष्मीकांत गौतम ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे टेलीग्राम ऐप पर कई फर्जी ग्रुप चलाते थे। इन ग्रुपों में ऑनलाइन पार्ट-टाइम जॉब, इनवेस्टमेंट से कमाई और “रीचार्ज एंड प्रोफिट जैसे नामों से लोगों को जोड़ा जाता था।
ग्रुप में शामिल होने के बाद उन्हें छोटे-छोटे टास्क दिए जाते, जैसे किसी वीडियो को शेयर करना या किसी लिंक पर क्लिक करना। शुरुआत में मामूली रकम का “रिटर्न” भेजकर विश्वास जीता जाता था। फिर धीरे-धीरे बड़े निवेश की बात की जाती थी। जब पीड़ित लोग अधिक रकम भेज देते, तब आरोपियों द्वारा उनसे संपर्क तोड़ दिया जाता था।
पुलिस के अनुसार आरोपी पीड़ितों को एक .apk (एंड्रॉइड एप्लिकेशन) फाइल भेजते थे, जिसे इंस्टॉल करने पर पीड़ित के फोन से बैंक अकाउंट, यूपीआई और अन्य जानकारी स्वतः चोरी हो जाती थी। इसके जरिए वे सीधे खाते से रकम ट्रांसफर कर लेते थे।
क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मनी ट्रांसफर
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गैंग का मास्टरमाइंड ध्रुव रैकवार है, जो वर्तमान में फरार है। ध्रुव ही ठगी से प्राप्त रकम को क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदलकर विदेशों में स्थित खातों में ट्रांसफर करता था, जिससे रकम का पता लगाना मुश्किल हो जाता था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह गैंग उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में भी सक्रिय था। गिरोह के तार देश के बाहर भी जुड़ सकते हैं, जिसकी जांच साइबर विशेषज्ञों की टीम कर रही है।
पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी युवकों ने अब तक कई सौ से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। आरोपियों के मोबाइल और बैंक खातों की जांच की जा रही है। पुलिस ने उनकी डिजिटल डिवाइस को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।
सीओ सिटी लक्ष्मीकांत गौतम ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों ने टेलीग्राम ऐप के जरिए देशभर में लोगों से ठगी करने की बात स्वीकार की है। गैंग का मास्टरमाइंड ध्रुव रैकवार और एक अन्य साथी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। बहुत जल्द उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जनता से सावधानी बरतने की अपील
पुलिस अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात लिंक, वेबसाइट या एप्लिकेशन पर भरोसा न करें। यदि किसी प्रकार का इनवेस्टमेंट या जॉब ऑफर टेलीग्राम, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्राप्त होता है, तो उसकी पूरी जांच-पड़ताल करें। संदिग्ध लिंक या ऐप डाउनलोड करने से बचें और ठगी की किसी भी सूचना पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी थाने में शिकायत करें।
प्रेमनगर पुलिस की सराहना
इस सफलता के बाद झाँसी पुलिस अधीक्षक श्री बी.बी.जी.टी.एस. मूर्ति ने प्रेमनगर पुलिस टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि झाँसी पुलिस लगातार साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए अभियान चला रही है और ऐसे गैंग्स के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।