
कानपुर के रहने वाले झांसी के मऊरानीपुर थाना प्रभारी शिव कुमार सिंह राठौर के इकलौते बेटे सत्यम की कन्नौज सड़क हादसे में मौत हो गई। गाड़ी में मौजूद इंस्पेक्टर का भी कूल्हा टूट गया। इसके साथ ही पत्नी और बहू भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसे ने पूरा परिवार को इस कदर झकझोर दिया कि अब बेटे के अंतिम संस्कार में भी पिता, मां और पत्नी नहीं शामिल हो पा रही हैं। शव का अंतिम दर्शन कराने के लिए अस्पताल लाया गया। यह सीन देखकर वहां मौजूद पुलिस कर्मी और हॉस्पिटल स्टाफ के लोगों की भी आखें नम हो गईं।
बेटे के मौत की खबर मिलते ही इंस्पेक्टर की ICU में तबियत बिगड़ी
कानपुर के आवास विकास महाबलीपुरम में रहने वाले शिव कुमार सिंह राठौर झांसी में मऊरानीपुर थाना प्रभारी हैं। इंस्पेक्टर मूल रूप से एटा के रहने वाले हैं। घर में शिव कुमार की पत्नी अनीता राठौर, इकलौता बेटा सत्यम सिंह राठौर (27) और बहू स्वीटी हैं। सत्यम कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट था। शिवकुमार अपने गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निजी कार से गए थे, गुरुवार देर रात एटा से कानपुर पूरा परिवार लौट रहा था। कन्नौज समझन के पास इंस्पेक्टर की कार का भीषण एक्सीडेंट हो गया। हादसे में गाड़ी चला रहे इंस्पेक्टर का इकलौता बेटा सत्यम राठौर गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके साथ ही शिवकुमार का भी कूल्हा टूट गया और स्वीटी का भी पैर टूट गया। जबकि अनीता भी घायल हैं।
झांसी के मऊरानीपुर थाना प्रभारी शिव कुमार सिंह राठौर।
हादसे की सूचना पर पुलिस और परिवार के लोगों ने गंभीर रूप से घायल सत्यम को रीजेंसी में एडमिट कराया था। जहां पर सत्यम की देर रात मौत हो गई। जबकि इंस्पेक्टर, उनकी पत्नी और बहू का स्वरूप नगर के मधुराज हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इंस्पेक्टर शिवकुमार की हालत गंभीर होने के चलते आईसीयू में रखा गया है, लेकिन अब सामान्य हैं। शुक्रवार सुबह जब उन्हें होश आया तो बेटे के मौत की खबर ने उन्हें इस कदर झकझोर दिया कि रोते चीखते फिर से गश खाकर गिर पड़े।
जिद करने लगे कि उन्हें भी बेटे को एक बार दिखा तो बस। हे भगवान तुमने ये क्या किया, मुझे उठा लेते…। पत्नी और बहू सब मौत की खबर सुनते ही हॉस्पिटल में बदहवास हो गए। इस हालत में उन्हें पोस्टमार्टम हाउस ले नहीं जाया जा सकता था, तो शव को एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। लेकिन परिजनों की हालत देखकर फिर से वापस लौटा दिया गया। अब पोस्टमार्टम होने के बाद शव को परिजनों को अस्पताल लाकर अंतिम दर्शन कराया जाएगा इसके बाद अंतिम संस्कार होगा। परिवार के लोगों को भी समझ नहीं आ रहा कि आखिर कैसे सब मैनेज किया जाए।
इंस्पेक्टर के परिवार की दर्द भरी दास्तां अस्पताल से लेकर पुलिस महकमें में जिसने भी सुनी उसके सिहरन सी दौड़ गई। एक तरफ एकलौते बेटे की मौत हो गई। तो दूसरी तरफ हादसे में घायल पिता, पत्नी और मां का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कूल्हा टूटने के बाद इंस्पेक्टर के ऑपरेशन की तैयारी अस्पताल में चल रही थी। वो बार – बार चीखकर यही कहते रहे कि मुझे अब नहीं जीना है, मुझे जाने तो अस्पताल से, एक बार मेरे बेटे को दिखा तो बस। तो वहीं घायल मां और पत्नी भी रो-रो कर बदहवास हो गईं। परिवार के लोगों ने किसी तरह संभाला।