Jhansi : बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में JRF-SRF घोटाला, रोशनी कुमारी की आंसू भरी अपील

Jhansi : एक ओर प्रदेश सरकार नारी सशक्तिकरण के लिए ‘नारी शक्ति मिशन’ अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एक महिला शोधार्थी की व्यथा ने इस मिशन की हकीकत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कैमासन निवासी रोशनी कुमारी, पत्नी मनु चौबे (इंस्पेक्टर, आईटीबीपी), बीते कई दिनों से कुलपति कार्यालय के बाहर रोते हुए न्याय की गुहार लगा रही हैं। रोशनी का आरोप है कि उन्हें 2020 में जूनियर रिसर्च फेलो (JRF) मिला था, लेकिन अब तक उन्हें सीनियर रिसर्च फेलो (SRF) में अपग्रेड नहीं किया गया है।

पीड़िता ने बताया कि यूजीसी की ओर से कई बार विश्वविद्यालय को उनके अपग्रेडेशन के लिए पत्र भेजे गए हैं, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। रोशनी ने आरोप लगाया कि विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना और उनके गाइड द्वारा उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

रोशनी ने रोते हुए कहा “मैं 2020 से शोध कार्य कर रही हूँ। JRF पूरा हो चुका है, लेकिन मुझे SRF में अपग्रेड नहीं किया जा रहा है। यूजीसी से बार-बार पत्र आने के बाद भी विभाग के अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं। मैं जून से लगातार विश्वविद्यालय के चक्कर काट रही हूँ, लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।”

उन्होंने यह भी बताया कि वह तीन माह की गर्भवती हैं और लगातार तनाव के कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है। “पिछले दिनों जब मैं कुलपति कार्यालय पहुंची थी, तब वहीं अचेत होकर गिर गई, लेकिन तब भी किसी ने मेरी सुध नहीं ली,” रोशनी ने कहा।

इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर विश्वविद्यालय नारी सशक्तिकरण को लेकर कार्यक्रम, संगोष्ठियाँ और भाषण आयोजित कर रहा है, वहीं उसी विश्वविद्यालय की एक महिला शोधार्थी अपने हक और सम्मान के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।

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