
Jhansi: जिले की गरौठा तहसील अंतर्गत ग्राम कुड़री के निकट बेतवा नदी और उसके आसपास के वनक्षेत्र व किसानों की कृषि भूमि पर अवैध बालू खनन का धंधा जोर-शोर से चल रहा है। यह पूरा मामला अब इतना गंभीर हो चुका है कि क्षेत्र के किसान, ग्रामीण और जागरूक नागरिक दहशत में जीने को मजबूर हैं। आरोप है कि बालू माफियाओं को स्थानीय प्रशासन, वन विभाग, खनिज विभाग और राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का खुला संरक्षण प्राप्त है।
आवंटित क्षेत्र से कई गुना अधिक भूमि पर हो रहा अवैध खनन
जानकारी के अनुसार, नदी खंड संख्या 218 के क्षेत्रफल का पट्टा आवंटित है, लेकिन दबंग बालू माफिया अपनी दबंगई के बल पर आवंटित क्षेत्र से कई गुना ज्यादा भूमि में न सिर्फ बेतवा नदी के अंदर बल्कि उसके किनारे स्थित वन विभाग की भूमि और किसानों की निजी कृषि भूमि पर भी अवैध तरीके से बालू खनन कर रहे हैं। खेतों में 200 फीट तक गहरे गड्ढे खोदकर अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
कुएं जैसे गड्ढे, एनजीटी के नियमों की उड़ रही धज्जियां
खनन माफियाओं द्वारा लिफ्ट पोकलैंड मशीनों के जरिए नदी में बड़े-बड़े कुएं जैसे गड्ढे कर दिए गए हैं। इससे न सिर्फ बेतवा नदी की जलधारा बाधित हो रही है, बल्कि एनजीटी के पर्यावरण संरक्षण नियमों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वन विभाग की भूमि को भी प्रशासन और खनन माफियाओं की मिलीभगत से खनन के लिए उजाड़ा जा रहा है।
ग्रामीणों और किसानों में दहशत का माहौल
क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों ने बताया कि बालू माफियाओं के पालतू गुंडे क्षेत्र में आतंक फैलाए हुए हैं। विरोध करने पर धमकियां दी जाती हैं। ग्रामीण लंबे समय से इस अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे थे।
प्रशासन ने की कार्रवाई, मौके पर पहुंची टीम
लगातार मिल रही शिकायतों और बढ़ते विरोध के बीच आखिरकार 15 मई, गुरुवार को प्रशासन हरकत में आया। मौके पर नायब तहसीलदार गरौठा राधा पालीवाल, डिप्टी एसपी गरौठा आसमा बकार, डिप्टी एसपी मोठ देवेंद्र नाथ मिश्रा, बामौर रेंजर अवधेश प्रताप बुंदेला, थानाध्यक्ष एरच नीलेश कुमारी, थानाध्यक्ष पूंछ जेपी पाल, कोतवाली प्रभारी गरौठा बलिराज शाही और लेखपाल वेद प्रकाश सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। टीम ने अवैध खनन क्षेत्र का निरीक्षण किया और ग्रामीणों को जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
भाजपा नेताओं और जागरूक नागरिकों ने खोली पोल
क्षेत्र के जागरूक नागरिकों और भाजपा नेताओं ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को पूरी सच्चाई बताई। गरौठा विधायक प्रतिनिधि ललित पटेल, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष नेहिल सिंघई, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष कृष्ण चंद्र तिवारी, मंडल अध्यक्ष पुष्पेंद्र दुबे, जिला महामंत्री प्रतिपाल सिंह घोष सहित अन्य नेताओं ने लिखित शिकायत पत्र और अनियमितताओं के सबूत प्रशासन को सौंपे।
अब देखना होगा क्या होगी सख्त कार्रवाई या दब जाएगा मामला
क्षेत्रीय जनता की मांग है कि बालू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और बेतवा नदी, वन विभाग की भूमि और किसानों की खेती को बचाया जाए। साथ ही जो भी अधिकारी इस गोरखधंधे में शामिल हैं, उन पर भी सख्त कार्रवाई हो। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन और शासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है, या फिर यह मामला भी सिर्फ खानापूर्ति कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर लगे रोक की दरकार
झांसी के इस संवेदनशील मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक जल, जंगल और जमीन के दोहन की खुली छूट दी जाती रहेगी। यदि समय रहते इस अवैध खनन पर रोक नहीं लगी, तो क्षेत्र का प्राकृतिक संतुलन और किसान दोनों ही संकट में पड़ जाएंगे। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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