
Jhansi : बुंदेलखंड की जीवनदायिनी कही जाने वाली बेतवा नदी इन दिनों खनन माफियाओं की लूट का शिकार बनी हुई है। झांसी जिले के गरौठा क्षेत्र के प्रतापपुरा गांव में दिन-रात हैवी पोकलैंड मशीनें नदी के बीच से बालू निकाल रही हैं। हालात यह हैं कि खनन माफिया न केवल नदी की जलधारा को रोक रहे हैं, बल्कि ओवरलोड ट्रकों से बालू का अवैध परिवहन भी कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि प्रतापपुरा में जिस पट्टे की स्वीकृति हुई है, वह निजी भूमि यानी किसानों के खेत की है, लेकिन माफिया बेधड़क नदी के बीच से बालू निकालकर प्रदेश सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुँचा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि झांसी और जालौन के अफसरों की मिलीभगत से यह पूरा सिंडिकेट संचालित हो रहा है।
ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी, जल संकट गहराया
गांव के लोगों ने बताया कि अवैध खनन से नदी में गहरे-गहरे गड्ढे बन गए हैं। इससे पेयजल संकट गहराता जा रहा है। नदी में नहाने या पानी लेने जाने वालों को हर वक्त हादसे का डर सताता है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि खनन माफियाओं की दबंगई इतनी है कि कोई उनकी करतूत के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा।
ड्रोन कैमरे से कैद की गई खनन की तस्वीरें
ड्रोन कैमरे से ली गई तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह नदी की जलधारा रोककर भारी-भरकम मशीनें दिन-रात खनन कर रही हैं। ट्रक और डंपर ओवरलोड बालू भरकर जालौन की सीमा की ओर रवाना हो रहे हैं।

उपजिलाधिकारी गरौठा अवनीश कुमार तिवारी ने कहा…
उपजिलाधिकारी गरौठा अवनीश कुमार तिवारी ने कहा कि, “संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण कराया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सूरत में अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
बेतवा नदी कर रही सवाल…
बेतवा नदी आज झांसी और जालौन के जिलाधिकारियों से सवाल पूछ रही है कि आखिर कब तक वह इस तरह खनन माफियाओं की लूट का शिकार होती रहेगी। क्या अधिकारी बुंदेलखंड की इस जीवनदायिनी नदी को उसकी दुर्दशा से बचा पाएंगे?
Also Read : https://bhaskardigital.com/bird-flu-gorakhpur-zoo-h5-virus-tigress-lucknow-kanpur-zoos-closed/