Jhansi : बरसात से फसलें बर्बाद, नष्ट हुए धान के पौधे लेकर तहसील पहुंचे किसान

Jhansi : जनपद में सोमवार को हुई झमाझम बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मोंठ तहसील क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की धान की फसल खेतों में गिरकर नष्ट हो गई। फसलों के नुकसान से व्यथित किसानों ने मंगलवार को मोंठ तहसील पहुंचकर उपजिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और सरकार से प्लॉट टू प्लॉट सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाने की मांग की।

बता दें कि 17 अक्टूबर की देर रात हुई मूसलाधार बारिश से खेतों में पानी भर गया। अधिकांश खेतों में पककर तैयार खड़ी धान की फसल पूरी तरह से गिर गई। खेतों में जलभराव के कारण धान के पौधे सड़ने लगे हैं। किसानों ने बताया कि अब फसल कटाई के दौरान काफी मात्रा में दाना खेतों में ही झड़ जाएगा, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है।

किसानों का कहना है कि इस बार उन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ धान की फसल बोई थी, लेकिन लगातार हो रही बारिश ने उनकी सारी मेहनत बर्बाद कर दी। खेतों में खड़ी फसलें अब केवल नुकसान का प्रतीक बनकर रह गई हैं। कई किसानों ने बताया कि उन्होंने खाद, बीज और सिंचाई पर भारी खर्च किया था, जिसके चलते अब वे आर्थिक संकट में हैं।

मंगलवार को किसान हाथों में नष्ट हुई धान की फसल लेकर तहसील परिसर पहुंचे और प्रशासन से त्वरित सर्वे की मांग की। किसानों ने कहा कि जब तक सरकार मोंठ क्षेत्र में फसल का सही मूल्यांकन कर मुआवजा नहीं देती, वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

समाजवादी पार्टी के किसान नेता कंचन राजपूत के नेतृत्व में दर्जनों किसान एसडीएम मोंठ से मिले। उन्होंने कहा कि मोंठ क्षेत्र में मुख्य रूप से धान की खेती होती है, लेकिन प्रशासन द्वारा कई बार तिल, उर्द और ज्वार की फसलों का मुआवजा घोषित कर दिया जाता है, जबकि धान की फसल का नुकसान नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह किसानों के साथ अन्याय है।

कंचन राजपूत ने स्पष्ट कहा कि सरकार को केवल कागजी सर्वे नहीं, बल्कि हर खेत का वास्तविक निरीक्षण कराना चाहिए, ताकि जिन किसानों की फसलें वास्तव में बर्बाद हुई हैं, उन्हें तत्काल आर्थिक सहायता दी जा सके।

किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही मुआवजे की घोषणा नहीं की, तो वे शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करेंगे और अपनी मांगों को लेकर उच्चाधिकारियों से मिलेंगे।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष हेमंत अहिरवार सेना, जगमोहन सेमरी, स्वदेश राजपूत, विकास राजपूत, पंकज यादव, रवि कुशवाहा, आकाश राजपूत, आत्माराम कुशवाहा, इरफान जौंरा, ज्ञान सिंह, धीरेंद्र, साहिल राजपूत, अजय पांडेय, वीर राजपूत, कमल राजपूत, पंकज यादव, जितेंद्र कुमार, अभिषेक, सुमित समेत दर्जनों किसान मौजूद रहे।

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