
Jhansi : विगत दिनों हुई लगातार बरसात ने मोंठ तहसील क्षेत्र के किसानों की कमर तोड़ दी है। धान की तैयार फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। खेतों में पानी भरने और गिरने से फसल कटने योग्य भी नहीं रह गई। इसी भारी नुकसान से आहत किसानों ने शुक्रवार को किसान नेता सुरजीत राजपूत के नेतृत्व में तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन शुरू किया। दोपहर करीब 12 बजे से शुरू हुआ यह धरना देर रात और दूसरे दिन शनिवार शाम तक जारी रहा, जिसमें सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग उठाई।
धान की जगह बीमा में दर्ज तिल, उर्द, तिल और मूंगफली
किसानों ने बीमा कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने धान की खेती की थी, लेकिन बीमा के दस्तावेजों में बिना जानकारी और सहमति के तिल, उर्द और मूंगफली की फसल दर्ज कर दी गई। किसानों का कहना है कि यह सीधा-सीधा बीमा फर्जीवाड़ा है, जिससे असली नुकसान की भरपाई उन्हें कभी नहीं मिल पाएगी। किसानों ने बीमा कंपनी, बैंक कर्मचारियों और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि बिना किसानों की सहमति के बीमा काटा गया और गलत फसल दर्ज की गई।

रातभर चला धरना, सुबह दूसरे संगठनों का मिला समर्थन
धरने पर बैठे किसानों से बीमा कंपनी के एजेंट, बैंक कर्मचारी और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने कई बार वार्ता करने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने स्पष्ट कहा कि जब तक उन्हें लिखित रूप से आश्वासन नहीं दिया जाएगा, तब तक वे धरना खत्म नहीं करेंगे।
रात भर किसान तहसील परिसर में डटे रहे। शनिवार सुबह राष्ट्रभक्त किसान संगठन ने भी आंदोलनरत किसानों का समर्थन किया, जिससे धरना और भी उग्र हो गया।
एसडीएम ने की वार्ता
शनिवार को उपजिलाधिकारी मोंठ अवनीश तिवारी मौके पर पहुंचे और किसानों से लंबी वार्ता की। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा और बीमा कंपनियों की जांच भी कराई जाएगी। किसानों ने बताया कि एसडीएम से बात सकारात्मक रही, लेकिन जब तक उन्हें लिखित रूप से आश्वासन नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। किसानों ने कहा कि वे अपनी मांगों को बिंदुवार तरीके से प्रशासन को सौंपेंगे, ताकि जांच और मुआवजा दोनों स्पष्ट आधार पर तय हो सकें।

किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों में कहा कि मोंठ तहसील क्षेत्र में खरीफ और रबी दोनों मौसमों के सभी लाभार्थी किसानों की सूची सार्वजनिक रूप से चस्पा की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने यह भी मांग की कि किसी भी किसान का बीमा उसकी सहमति के बिना न काटा जाए और नुकसान का सर्वे वास्तविक रूप से किया जाए, ताकि प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा मिल सके। साथ ही, जिन किसानों का बीमा भुगतान अभी तक लंबित है, उनकी धनराशि शीघ्र उनके खातों में भेजी जाए और बीमा कंपनियों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की जांच कर जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
एसडीएम ने कराया धरना समाप्त
शनिवार शाम करीब 5:00 बजे एसडीएम तिवारी ने किसानों से वार्ता का धरना प्रदर्शन समाप्त कराया। किसानों ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और किसानों के लिए राहत मुआवजे की मांग की है।










