
Jhansi : झांसी-खजुराहो हाइवे पर अज्ञात वाहन की चपेट में आने से आधा दर्जन गौवंशों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा मऊरानीपुर थाना क्षेत्र में हुआ, जिससे नगर और क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त है।
जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बावजूद नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों की संख्या में आवारा गौवंश सड़कों पर विचरण करते नजर आते हैं। गौशालाओं में रखरखाव और भोजन-पानी की समुचित व्यवस्था के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति की जा रही है।
नगर पालिका परिषद मऊरानीपुर की गौशाला हो या तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की गौशालाएं, जमीनी हकीकत इन दावों को पूरी तरह झुठलाती है।
पिछले तीन महीनों में ही कई गौवंश सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि कई बार राहगीर भी इन दुर्घटनाओं की चपेट में आकर असमय काल के गाल में समा जाते हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से मृत गौवंशों को दफनाया गया।
लोगों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि इन मौतों का जिम्मेदार आखिर कौन है तहसील क्षेत्र के अधिकारी, जो व्यवस्था को अमल में नहीं ला पा रहे, या फिर सड़क का रखरखाव कर रही पीएनसी कंपनी, जो सुरक्षा इंतज़ाम करने में नाकाम है?