
झाँसी। जनपद से एक और ठगी का मामला सामने आया है, जिसने विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विद्युत विभाग के एक संविदा कर्मी पर नौकरी दिलाने के नाम पर 60 हजार रुपए की ठगी का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित का कहना है कि उसने अपने बेटे के भविष्य को संवारने की उम्मीद में पैसे दिए थे, लेकिन न तो नौकरी मिली और न ही पूरी रकम वापस की गई।
मामला झाँसी के टोडीफतेहपुर क्षेत्र का है। यहां रहने वाले रामबिहारी कुशवाहा ने आरोप लगाया है कि विद्युत विभाग में संविदा पर कार्यरत एक कर्मचारी ने उनके बेटे की नौकरी लगाने का झांसा देकर उनसे 60,000 रुपए वसूल लिए। रामबिहारी का कहना है कि वह गरीब परिवार से हैं और अपने बेटे को नौकरी दिलवाने की उम्मीद में उसने अपनी जमा-पूंजी दे दी।
शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
पीड़ित के अनुसार जब महीनों बीत गए और नौकरी को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई, तो उन्होंने कई बार संबंधित कर्मचारी से संपर्क किया। पहले तो बहाने बनाए गए, फिर धीरे-धीरे बात करने से भी बचने लगा। परेशान होकर रामबिहारी ने इसकी शिकायत तहसील दिवस और विभाग के अधिकारियों से की।
शिकायत के दबाव में आरोपी संविदा कर्मी ने 20 हजार रुपए लौटाए, लेकिन शेष 40 हजार रुपए देने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं, पीड़ित के मुताबिक आरोपी अब धमकियां भी देने लगा है।
“जहां शिकायत करनी है कर लो…”- आरोपी की दबंगई
पीड़ित रामबिहारी ने मीडिया से बातचीत में बताया, “साहब, मैं बहुत गरीब आदमी हूँ। मेरे बेटे की नौकरी लगवाने के नाम पर विभाग के संविदा कर्मी ने मुझसे साठ हज़ार रुपए लिए। जब नौकरी नहीं लगी तो मैंने पैसे मांगे, तो बोला- ‘जहां शिकायत करनी है कर लो, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।’ शिकायत करने पर बीस हजार तो वापस दिए, लेकिन बाकी पैसे नहीं दे रहा है। मैं बस न्याय चाहता हूँ।”
पीड़ित के इस बयान ने विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला केवल आर्थिक ठगी का नहीं बल्कि विभागीय अनुशासन और भ्रष्टाचार पर भी प्रकाश डालता है।
विभागीय अधिकारी मौन
रामबिहारी के अनुसार, उन्होंने अपनी शिकायत लिखित रूप से विभागीय अधिकारियों को सौंपी है। बावजूद इसके अब तक आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। विभागीय अधिकारियों की चुप्पी से ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी को अंदरूनी संरक्षण प्राप्त है।
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