
Jhansi: भूमि विवाद को लेकर पूर्व जिपं सदस्य के विरुद्ध मुकदमा, प्रेस वार्ता कर बोले दीपेंद्र: “मुकदमा झूठा है, धूमिल करने की कोशिश” तहसील व कोतवाली मोंठ क्षेत्र के ग्राम कुम्हरार में भूमि विवाद को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। मामला तब गरमा गया जब एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया और खेत में खड़ी फसल को जबरन काटने तथा बंदूक की नोक पर काम करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को गुमराह किया। वहीं, पीड़ित परिवार ने तहसील, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को कई बार प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है, मगर अब तक उन्हें राहत नहीं मिली।
जानकारी के अनुसार, कुम्हरार निवासी संतोष पुत्र बुधू अहिरवार ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि ग्राम सौजना मौजे में स्थित भूमि गाटा संख्या 101 उनके और उनके भाई के नाम है। लगभग 30 वर्षों से उक्त भूमि पर उनका कब्जा चला आ रहा है। संतोष ने बताया कि वर्ष 1996 में गांव के ही रामनारायण ने यह भूमि उनके पिता बुधू अहिरवार को विक्रय की थी। विक्रय के उपरांत रामनारायण ने उन्हें उक्त भूमि पर कब्जा भी सौंप दिया था। लेकिन उस समय भूमि पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की कर्ज प्रक्रिया के चलते दाखिल-खारिज की औपचारिकता खतौनी में पूरी नहीं हो पाई थी।
इसी बीच कुछ दिन पूर्व रामनारायण की मृत्यु हो गई। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी राजेश्वरी और पुत्र ने उक्त भूमि पर जबरन कब्जा करने की कोशिश शुरू कर दी। पीड़ित संतोष के अनुसार, उक्त लोगों ने खेत के चारों ओर पिलर लगवा दिए हैं और खेत पर अवैध कब्जे की कोशिश कर रहे हैं। जब पीड़ित पक्ष ने इसका विरोध किया और बताया कि उनके पिता ने उक्त भूमि का बैनामा कर रखा है, तो वे लोग मानने को तैयार नहीं हुए।
पीड़ित का आरोप — मृत्यु का फायदा उठाकर हड़पना चाहते हैं जमीन

संतोष ने बताया कि उनके पिता बुधू अहिरवार कुछ समय पूर्व कैंसर की बीमारी के चलते निधन कर गए। उनके निधन के बाद जमीन का खतौनी में नामांतरण अभी नहीं हो सका है। इसी का फायदा उठाकर रामनारायण की पत्नी और पुत्र जबरन खेत पर कब्जा करना चाह रहे हैं। जबकि उक्त जमीन पर रामनारायण के पुत्र और पत्नी ने अवैध रूप से अपना नाम खतौनी में दर्ज भी करा लिया है।
पीड़ित परिवार ने बताया कि विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। बावजूद इसके रामनारायण के परिजन दबंगई के बल पर उक्त भूमि पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। कई बार तहसील और जिला स्तर के अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिए गए, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
फर्जी मुकदमे दर्ज कराने का आरोप, प्रेस वार्ता में दी जानकारी
वहीं, इस प्रकरण को लेकर रविवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व जिला पंचायत सदस्य दीपेंद्र सिंह यादव ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि रामनारायण की पत्नी ने उन्हें, डॉक्टर देवेंद्र यादव और कल्लू ठाकुर को बेबुनियाद आरोपों में फंसाने के लिए पुलिस में झूठा प्रार्थना पत्र देकर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया है।
उन्होंने बताया कि कल्लू ठाकुर उक्त भूमि को जोत-बो रहा था और उसने ही खेत में खड़ी गेहूं की फसल को काटा था। बस इसी बात को लेकर विपक्षी पक्ष ने रंजिशन झूठे आरोप लगाकर साजिशन मुकदमा दर्ज कराया। साथ ही आरोप लगाया कि उक्त लोग फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रशासन और पुलिस को गुमराह कर रहे हैं।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि यह सब उनकी छवि धूमिल करने और राजनीतिक साजिश के तहत किया जा रहा है। इसके पीछे एक राजनीतिक पार्टी के लोग भी लगे हुए हैं, जो उन्हें बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इस प्रकरण को अदालत तक ले जाएंगे और अपने दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत कर पूरे मामले की सच्चाई सामने रखेंगे।
न्यायालय में प्रकरण लंबित, न्याय की मांग
प्रेस वार्ता में दीपेंद्र सिंह यादव ने प्रशासन से मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही पीड़ित संतोष अहिरवार की जमीन पर जबरन लगाए गए पिलरों को तत्काल हटवाया जाए और फर्जी मुकदमे दर्ज कराने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।
उन्होंने विश्वास जताया कि साक्ष्य के आधार पर अदालत में उन्हें न्याय मिलेगा और सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।
पुलिस जांच में जुटी, स्थिति तनावपूर्ण
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं, गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। दोनों पक्षों के बीच कभी भी विवाद और बढ़ सकता है। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है, जिससे गांव का माहौल बिगड़ने से रोका जा सके।
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