
Jhansi : अरविंद यादव हत्याकांड को हुए अठारह दिन गुजर गए हैं, मगर अभी तक इस कांड का मास्टर माइंड नहीं पकड़ा गया है। केवल पुलिस ने वाहवाही लूटने के उद्देश्य से दो पुलिस मुठभेड़ दिखाकर 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बीती रात हुई मुठभेड़ में दामाद अपने ससुर के साथ पकड़ा गया। इसमें दस नामजद में से मात्र पांच नामजद आरोपी ही गिरफ्तार हो पाए हैं। हालांकि अभी भी पांच अभियुक्त फरार हैं।
पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रीति सिंह ने बताया कि सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के भोंजला के पास 8 सितंबर 2025 को अरविंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में फरार चल रहे आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीमें गठित की गई थीं। बीती रात पुलिस व स्वॉट टीम आरोपियों की तलाश में थी, तभी सूचना मिली कि लकारा पुलिया के पास नामजद अभियुक्त अपने रिश्तेदारों के साथ खड़ा है। इस सूचना पर गई टीम ने घेराबंदी की तो नामजद आरोपी ने पुलिस दल पर फायर कर दिया। बाद में पुलिस ने नामजद आरोपी संजय यादव के पैर में गोली मार दी जिससे वह घायल हो गया। पुलिस ने संजय समेत तीन लोगों को पकड़ लिया। एसपी सिटी के मुताबिक सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के भोंजला निवासी संजय 28, रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम अमरपुर निवासी मान सिंह 64 व शाहजहांपुर के ग्राम दैजवा निवासी कमल सिंह 50 को गिरफ्तार कर लिया। शेष आरोपियों की तलाश की जा रही है। संजय के पास से तमंचा व कारतूस भी बरामद किया गया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों को जेल भेजा गया।
मुठभेड़ में दबोचा गया क्या प्रशासनिक अफसर का समधी है?
सूत्रों का कहना है कि सीपरी बाजार पुलिस ने वाहवाही लूटने के उद्देश्य से एक प्रशासनिक अफसर के समधी को भी गिरफ्तार कर लिया। केवल गलती यह थी कि वह दतिया में समधी से मिलकर गांव वापस आ रहा था। कमल सिंह न तो शरणदाता है और न ही अरविंद से कोई लेना-देना।
क्या मुठभेड़ सही है?
सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने संजय, मान सिंह और कमल सिंह को दतिया के पास से उठाया था। इसके बाद लकारा के पास आकर मुठभेड़ दिखा दी। संजय का मान सिंह ससुर है। वह अपने ससुर से दतिया में बातचीत कर रहा था, तभी कमल सिंह की नजर उन पर गई और वह वहां खड़ा हो गया।
कहां है मास्टर माइंड?
अरविंद यादव हत्याकांड का मास्टर माइंड कहां है, इसके बारे में झांसी पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। केवल अपनी वाहवाही लूटने के उद्देश्य से कभी बेटा, तो कभी बाप, तो कभी ससुर और दामाद, कभी पति, तो कभी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। रिंकू यादव के बारे में कोई पता नहीं है।
अब तक 12 लोग गिरफ्तार
मिथुन यादव, अजीत कुमार, सुरेश कुमार, रिंकू यादव का बेटा राजा, इंदजीत, मिथुन यादव की पत्नी रजनी, रेखा, अशोक कुमार, भंवर सिंह, कमल सिंह, मान सिंह, संजय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
यह हैं फरार
रिंकू यादव, अनिल कुमार, राहुल, कैलाश, अमित कुमार फरार चल रहे हैं। इनकी पुलिस तलाश कर रही है, मगर अब तक सफलता हासिल नहीं हुई है।
ऐसे हुई थी घटना
सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के ग्राम अरविंद यादव पिछले दिनों अपनी पत्नी संगीता के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर सामान खरीदकर गांव वापस लौट रहा था। गांव के पास ही रिंकू यादव ने पत्नी संगीता यादव के सामने पति अरविंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मृतक के परिजनों ने घटना का मास्टर माइंड रिंकू यादव, अनिल कुमार, मिथुन यादव, अजीत, कुल्लू, राहुल, कैलाश, अमित, संजय व सुरेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
रिंकू यादव के परिवार पर आपराधिक मुकदमे
पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि वर्ष 2000 में भरारी स्थित कृषि केंद्र में मवेशियों को चराने के लिए रिंकू के परिवार के धनीराम यादव, पप्पू उर्फ कैलाश यादव, कल्लू उर्फ अशोक घुस आए थे। शिकायत पर सीपरी बाजार थाने की ग्वालियर रोड पुलिस चौकी से सिपाही अवधेश दुबे एवं जयकरन घरपकड़ के लिए मौके पर गए थे। उनको देखते ही आरोपियों ने फरसे से हमला कर दिया था। इसमें आरक्षी अवधेश दुबे की उंगलियां काट डाली गईं, जबकि जयकरन को घसीटकर पीटा गया था। वर्दी फाड़ दी गई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद आरोपी फरार रहे थे। कुछ माह बाद इन लोगों ने सहकारी समिति के निदेशक कोमल यादव व उसकी बहन से विवाद होने पर तमंचे से फायर कर दोनों की आंख फोड़ दी थी। इस परिवार के आठ सदस्यों के खिलाफ 23 से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं। बताते हैं कि अशोक पर छह, अजीत पर पांच, कैलाश पर पांच, धनीराम पर दो, मिथुन पर दो, अनिल पर तीन, मास्टर माइंड रिंकू पर तीन, राहुल पर तीन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।










