
झाँसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने संस्थान में हो रहे जाति आधारित भेदभाव को लेकर जिलाधिकारी झांसी को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के साथ लगातार हो रहे भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत की गई है।
छात्रों का आरोप है कि संस्थान से आयोजित विभिन्न गतिविधियों में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जाता है और उनके साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जाता है। जब किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होता है, तो जांच की प्रक्रिया निष्पक्ष न होकर पूरी तरह से एकतरफा होती है, जिसमें केवल संस्थान प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी को ही आधार बनाया जाता है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को धमकाते हैं, उन पर झूठे आरोप लगाते हैं और अनुशासन हीनता की कार्रवाई की बात कहकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। छात्रों ने इसे संवैधानिक उल्लंघन बताया है, साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1999 के अंतर्गत दंडनीय अपराध भी करार दिया है।
ज्ञापन के माध्यम से छात्रों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष, स्वतंत्र और उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही, संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाएँ कि वे जाति आधारित भेदभाव पर रोक लगाएं और सभी छात्रों के साथ समान व्यवहार करें। दोषी व्यक्तियों के खिलाफ विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की भी माँग की गई है।
छात्रों ने जिलाधिकारी से शीघ्र हस्तक्षेप करने और न्याय दिलाने की अपील की है। इस ज्ञापन में कई छात्रों के हस्ताक्षर शामिल हैं।