
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के भारत दौरे पर हुए स्वागत की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस पर शर्मिंदगी जताई है कि तालिबान के प्रतिनिधि को सम्मानपूर्ण तरीके से स्वीकार किया गया। अख्तर ने खासकर दारुल उलूम देवबंद द्वारा मुत्ताकी का स्वागत करने और उनकी प्रशंसा करने की आलोचना की है, surtout जब से तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी लगा रखी है।
अख्तर ने कहा कि यह कदम न केवल असंवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि ऐसी संस्थानों का रवैया भी सवाल खड़ा करता है। दरअसल, मुत्ताकी का यह दौरा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उनके यात्रा प्रतिबंध में छूट मिलने के बाद संभव हो पाया। यह कदम अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व में हो रही मानवाधिकार हनन की घटनाओं के बीच आया है।
देवबंद पर निशाना
अख्तर ने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित दारुल उलूम देवबंद के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस प्रमुख इस्लामिक सेमिनरी ने मुत्ताकी का “आदरपूर्ण स्वागत” किया, जिससे वह हैरान हैं। उन्होंने बताया कि देवबंद दक्षिण एशिया का एक प्रसिद्ध और परंपरागत इस्लामिक शिक्षण केंद्र है, लेकिन इस बार उसने तालिबान के प्रतिनिधि का सम्मान कर के अपने ही मूल्यों का उल्लंघन किया है।
तालिबान का मानवाधिकार उल्लंघन
अख्तर ने स्पष्ट किया कि यह वही तालिबान है, जिसने अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का हनन और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं के बीच, इस तरह का स्वागत और सम्मान वास्तव में निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह रवैया न केवल खेदजनक है, बल्कि यह उन मूल्यों के विपरीत भी है, जिनकी रक्षा करने का दावा किया जाता रहा है।
मामला क्यों हुआ?
मुत्ताकी का दौरा तब हुआ जब उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा यात्रा प्रतिबंधों में राहत दी गई। यह कदम तब आया है जब अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार ने मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रखा है, खासकर महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को लेकर। इन घटनाक्रमों के बीच, भारत में इसकी तीखी आलोचना हो रही है, और इसे अस्वीकार्य माना जा रहा है।
यह भी पढ़े : ‘आप बहुत खूबसूरत हैं…’ ट्रंप ने मेलोनी की तारीफ की, इटली की पीएम ने किया रिएक्ट..