जौनपुर : 6 महीने से नहीं मिली सैलरी तो बच्चों का एडमिशन तक नहीं करा पाए निविदा कर्मचारी

जौनपुर। भूखमरी के कगार पर पहुँच गए हैं। वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी अपने बच्चों का स्कूल में दाखिला नहीं करा पा रहे हैं। कई कर्मचारियों को 6 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें दैनिक जरूरतों के लिए उधार लेना पड़ रहा है और वे अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं। जिसको लेकर कर्मचारियों ने एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसु के माध्यम से ज्ञापन सौप कर मांग की हैं कि उनका बकाया पैसा दिलाया जाए। जिसको लेकर एमएलसी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही डीएम और शासन को पत्र लिखकर बकाया वेतन का भुगतान कराया जाएगा।

बता दे कि बिजली विभाग में तैनात निविदा कर्मचारियों के द्वारा बताया गया कि पिछले 20 वर्षों से बिजली विभाग में काम कर रहे हैं। फरवरी 2025 के बाद से वेतन का भुगतान नहीं हुआ। जिसको लेकर जब वह अधीनस्थ अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि ऊपर से आप सभी लोगों को हटा दिया गया है। लेकिन उसके बाद भी उन सभी कर्मचारियों से कम लिया जा रहा था। लेकिन कुछ दिनों से अधिकारियों के द्वारा हमें काम करने से रोका जा रहा है। जिसके वजह से अब हम लोगों को डर सताने लगा हैं। जबकि शासन की मंशा है कि शहर क्षेत्र में 133 लोगों क़ो रखने का आदेश हैं। लेकिन विभाग के अधिकारियों के द्वारा केवल 120 लोगों को ही रखकर शासन से वेतन मंगा रहे हैं। वहीं पिछले 6 महीना से वेतन न मिलने की वजह से हम लोग भूखमरी के कगार पर आ गए हैं।

निविदा कर्मचारी अजय प्रकाश यादव ने बताया कि पिछले कई सालों से हम लोग बिजली विभाग में काम कर रहे हैं। एक नई कंपनी ग्लोबल टेक जब से आई हुई है। तब से कर्मचारियों की संख्या कम कर दी गई है। इस कंपनी ने 50 से 60 लोगों को बिना बताए बिना नोटिस दिए ही कंपनी से बाहर कर दिया है। वहीं कुछ लोगों का लिस्ट में नाम है लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। जबकि विभाग में तैनात जेई व एसडीओ के द्वारा हमसे लगातार काम ले रहे हैं।

जेई लगातार रिपोर्ट बनाकर कंपनी को भेजते हैं। लेकिन कंपनी हमें सैलरी नहीं दे रही है। वेतन न मिलने की वजह से अगल-बगल के लोगों से उधार पैसे लेकर या फिर जहां लाइन बनाने जाते हैं वहां पर लोग 100 से 200 रु देते है। जिसकी वजह से थोड़ा बहुत खर्चा चल जाता है। सैलरी ना मिलने की वजह से अब बच्चों का एडमिशन तक नहीं कर पा रहे हैं जिसके वजह से बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज पा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में 50 से अधिक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। अजय ने बताया कि एमएलसी साहब से आश्वासन मिला है कि हम डीएम व एक्सीयन से बात करके जल्द बकाया वेतन दिलवाएंगे।

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