
शाहगंज,जौनपुर : नगर के हनुमान गढ़ी सरकार लक्ष्मी नारायण वाटिका लान में चल रही आठ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत मंगलवार को उत्सवमय वातावरण में चौथे दिन की कथा वाचन संपन्न हुआ। अयोध्या धाम के आचार्य भार्गव मुनीश ने मधुर भजनों और कीर्तनों के साथ मुख्य रूप से हरितालिका तीज कथा, समुद्र मंथन, राजा सत्यव्रत की कथा, कंस अत्याचार और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की मनोरम कथा का वर्णन किया।
श्रीकृष्ण के प्राकट्य का वर्णन सुनते ही भक्तों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। प्रभु के जयकारों से क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। श्रोतागण भक्तिभाव में झूमने और गाने लगे। वहीं, श्रीकृष्ण रूप में सजे नन्हे स्थानीय बालकों ने सभी का मन मोह लिया।
मंगलवार को प्रातः कथा स्थल पर हवन-पूजन संपन्न हुआ। भक्तों ने आहुतियां दीं। संध्या कथा में कथाव्यास ने हरितालिका तीज व्रत कथा का वर्णन कर तीज के महत्व का बखान किया। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार पर्वतराज हिमालय की पुत्री पार्वती ने दृढ़ संकल्प और वर्षों की कठोर तपस्या के फलस्वरूप महादेव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया, उसी प्रकार जीवन में दृढ़ संकल्प के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ने से निश्चित ही सफलता मिलती है।
विभिन्न प्रसंगों के बाद जब श्रीकृष्ण प्राकट्य की कथा शुरू हुई तो श्रोतागण भक्तिभाव में झूम उठे। श्रीकृष्ण के प्रकट होते ही सभी खड़े होकर दोनों हाथ ऊपर उठाकर जयकारों के साथ झूमने-गाने लगे। “स्वागतम सुस्वागतम शरणागतम कृष्णा” और “नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” जैसे मधुर भजनों पर भक्त थिरकने और ताल वादन करने लगे। आतिशबाजी की गई। आयोजकों ने भक्तों में खिलौने, टॉफियां और मिठाइयां बांटी। पुष्पवर्षा की गई।
बधाई भजनों के बीच व्रती महिलाओं सहित भारी संख्या में उपस्थित श्रोतागण भक्तिरस में सराबोर हो उठे। भगवान की आरती के साथ चौथे दिन की कथा संपन्न हुई। प्रसाद स्वरूप मोतीचूर के लड्डू, पंजीरी और खीर वितरित की गई। इस दौरान भक्तों के जयकारों से पूरा नगर गुंजायमान रहा।
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